अस्पताल में स्ट्रेचर की कमी से कंधा बना स्ट्रेचर, परिजन मरीज को कंधे व गोद में ले जाने को हुए मजबूर

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। बिहार का आईएसओ से मान्यता प्राप्त एकलौता आरा का सदर अस्पताल अपनी लापरवाही के कारण हमेशा सुर्खियों में बना रहा है। आरा सदर अस्पताल कभी कर्मचारियों की लापरवाही तो कभी अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण हमेशा प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी चर्चा का विषय बना रहा है। ताजा मामला सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की है। जहां सोमवार की दोपहर एक बीमार मरीज को परिजन द्वारा सदर अस्पताल लाया गया था। लेकिन स्ट्रेचर की कमी के कारण परिजन उसे कंधे पर उठाकर इमरजेंसी वार्ड के ओटी में ले गए।

इसके बाद प्राथमिक उपचार के बाद परिजनों में एक नए उसे कंधे पर उठाया। जबकि दूसरे ने उसके हाथ में लगे सलाइन को अपने हाथों में उठाकर एक जगह से दूसरी जगह इलाज कराने के लिए जाते हुए दिखे। स्ट्रेचर की कमी एवं कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हमेशा मरीज एवं उनके परिजनों को इस कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बता दें कि यह घटना कोई पहली बार नहीं हुई है। कई बार सदर अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में ऐसी घटना होती रही है।

सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में स्ट्रेचर की कमी एवं कर्मचारियों की कमी के कारण कई बार परिजनों ने जमकर बवाल भी काटा है। लेकिन इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन अपने इन लापरवाही की हरकतों से बाज नहीं आ रही है। वहीं इस मामले में अस्पताल प्रबंधक कौशल कुमार दुबे ने बताया कि यह कई बराबर का मामला नहीं है। ऐसा कभी-कभी रियर में हो गया है। इससे पहले भी ऐसी घटना हुई थी। जिस को दुरुस्त करते हुए सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में स्ट्रेचर कर्मचारी नियुक्ति की गई है और वह 24 घंटा काम करते हैं।

उस दौरान एक के स्ट्रेचर पोस्टमार्टम रूम में एवं दूसरा स्टेशन मेडिकल वार्ड में गया था। जिसके बाद वहां मौजूद कर्मचारियों द्वारा उन्हें ठहरने के लिए कहा गया लेकिन वह लोग नहीं ठहरे। वहीं अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि स्ट्रेचर की कमी का एक टेक्निकल कारण भी है। हमारे इमरजेंसी वार्ड से मेडिकल वार्ड,सर्जिकल वार्ड,पोस्टमार्टम रूम एवं एसएनसीयू काफी दूरी पर है और अस्पताल के रोड भी खराब है। जिसके कारण मरीज को स्ट्रेचर पर ले जाने के क्रम में उनके चक्के प्रायः टूट जाते है। जिसकी शिकायत जिला प्रशासन से भी की गई थी कि रोड को ठीक कराया जाए। उन्होंने बताया कि कभी कदार ऐसा हो जाता है कि वार्ड बॉय अटेंडेंट वहां मौजूद नहीं रहते हैं जिसके कारण ऐसी समस्याएं पैदा हो जाती।

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