भागलपुर अपने परिवार का भरण पोषण करने भागलपुर का युवक 27 साल पहले पंजाब जाता है गलती से वह बॉर्डर क्रॉस कर पाकिस्तान पहुँच जाता है इसके बाद 2004 में उसे वहाँ से छोड़ा जाता है लेकिन अब तक वह पहेली बना हुआ है वह कहाँ है किस परिस्थितियों में है किसीको पता नहीं है बूढ़ी माँ की आंखें बेटे के इंतज़ार में पथरा गयी है आंखों से आँसू नहीं सूखते हैं जगह जगह पत्राचार हुआ लेकिन उसका पता नहीं चल सका दरअसल हम बात कर रहे हैं.
भागलपुर के कहलगांव के मदारगंज की रहने वाली उखा देवी के पुत्र सीताराम झा की जो परिवार के लिए, लोगों के लिए पहेली बन गया है सीताराम झा ने 1997 में एक टेम्पो खरीदा जब उसका क़िस्त नहीं चुका सका तो उसका ऑटो जब्त कर लिया गया था उसके बाद वह परिवार का भरण पोषण करने वह पंजाब गया वहाँ से वह 1999 में किसी तरह पाकिस्तान बॉर्डर क्रॉस कर गया इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने सीताराम झा को गिरफ्तार कर इस्लामाबाद जेल में बंद कर दिया। इधर परिवार को कुछ मालूम नहीं था परिवार को इसकी जानकारी तब लगी जब 2002 में तत्कालीन एसपी को उसके सत्यापन के लिए पत्र आया था तब परिवार को पूरे मामले की जानकारी हुई तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पहल से पाकिस्तान में जेल में बंद भारत कई लोगों को छोड़ने के लिये प्रक्रिया चल रहा था। अगस्त 2004 में करार होने के बाद भारत में बंद कई पाकिस्तानियों और पाकिस्तान जेल में बंद भारतीयों को आदान प्रदान किया गया था जिसमें सीताराम झा भी थे इस दौरान सीताराम झा की दिमागी हालत कुछ ठीक नहीं थी उसके छोड़ने के बाद भी उसका पता नहीं चल सका सीताराम झा के रिश्तेदार मुकेश झा ने 2008 में पता करना शुरू किया गृह विभाग को पत्र लिखा , विदेश मंत्रालय में पत्र लिखा प्रधानमंत्री को , राष्ट्रपति को ,बीएसएफ को बिहार सरकार को कई अधिकारियों को पत्र लिखा इस्लामाबाद में पत्र लिखा लेकिन उसका पता नहीं चल सका सीताराम झा के छोड़े जाने के रिकॉर्ड हैं लेकिन वह पंजाब से कहाँ गया इसका पता नहीं चला इधर उसकी पत्नी ने भी दूसरी शादी कर ली सीताराम झा के बच्चे भी अपनी माँ के साथ चले गए। बूढ़ी माँ अकेली है बूढ़ी माँ छोटे से झोपड़ी में रहने को विवश है इंतज़ार में रहती है कब उसका बेटा आएगा। सरकार पर बूढ़ी माँ की उम्मीद टिकी हुई है.