कैमूर,भारतमाला परियोजना के अंतर्गत भूधारियों को मुआवजा भुगतान हेतु जिला प्रशासन कैमूर द्वारा राजस्व ग्राम स्तर पर विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। जिलाधिकारी सुनील कुमार के निर्देशानुसार यह शिविर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विभिन्न अंचलों में संचालित हो रहे हैं। 29 जुलाई को रामपुर, भगवानपुर, चांद एवं चैनपुर अंचलों के अंतर्गत करवौदिया, दुलहरा, कोचाड़ी, कोचड़ा, विजरा, झलखोरा, गोई एवं सिहोरिया राजस्व ग्रामों में शिविर का आयोजन किया गया।इन शिविरों में अंचल अधिकारियों, राजस्व कर्मचारियों एवं अन्य संबद्ध कर्मियों की उपस्थिति में पहले संबंधित भूधारियों के आवास पर जाकर भुगतान हेतु आवेदन देने का अनुरोध किया गया। जिनके दस्तावेजों में कमियां पाई गईं, उन्हें मौके पर ही दुरुस्त करने की कोशिश की गई ताकि उन्हें दोबारा कार्यालय का चक्कर न लगाना पड़े। शिविरों का औचक निरीक्षण कर रहे अपर समाहर्ता कैमूर ओमप्रकाश मंडल ने बताया कि यह शिविर पूरी तरह से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत संचालित हो रहे हैं। शिविरों में भूधारियों को LPC (भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र), वंशावली प्रमाण पत्र तथा अन्य आवश्यक दस्तावेज ऑन-द-स्पॉट निर्गत किए जा रहे हैं। कुछ रैयतों के लेटेस्ट लगान रसीद निर्गत करने में तकनीकी समस्या सामने आई, जिसे अंचलाधिकारियों को तत्काल सुलझाने का निर्देश दिया गया है।यह विशेष अभियान उन भूधारियों के लिए विशेष रूप से संचालित किया जा रहा है, जिनके पक्ष में आर्बिट्रेशन न्यायालय द्वारा आदेश पारित हो चुका है, किंतु वे अब तक मुआवजा के लिए आवेदन नहीं दे रहे हैं। जिला प्रशासन का स्पष्ट निर्देश है कि ऐसे सभी भूधारियों से संपर्क कर उन्हें जल्द से जल्द आवेदन हेतु प्रेरित किया जाए। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि आर्बिट्रेशन आदेश के आधार पर अब अवार्ड पारित हो चुका है और NHAI द्वारा उसका अनुमोदन भी प्राप्त हो गया है। ऐसी स्थिति में मुआवजा राशि के साथ मिलने वाली ब्याज राशि की गणना केवल NHAI अनुमोदन की तिथि तक ही की जाएगी। अतः भूधारियों द्वारा विलंब किए जाने की स्थिति में उन्हें ब्याज का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई भूधारी आर्बिट्रेटर के निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो वह सिविल कोर्ट में चुनौती देने का वैधानिक विकल्प चुन सकता है, किंतु मुआवजा न लेने की स्थिति में न केवल ब्याज की हानि होगी, बल्कि धनराशि सिविल कोर्ट में जमा होने के बाद पुनः लंबी प्रक्रिया के अंतर्गत भुगतान हो सकेगा।जिला प्रशासन की अपील: रैयतगण शिविरों में उपस्थित होकर आवेदन दें।जिला प्रशासन कैमूर सभी प्रभावित भूधारियों से अपील करता है कि वे अपने संबंधित राजस्व ग्राम में आयोजित कैंप में अनिवार्य रूप से उपस्थित होकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ मुआवजा भुगतान हेतु आवेदन करें। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, सरल और रैयतहित में संचालित की जा रही है।30 जुलाई को मानपुर, गाजीपुर, कड़ियरा, औरईया, रामपुर, निसिजा, कुसडेहरा तथा ढेकहरी राजस्व ग्रामों में शिविर आयोजित किए जाएंगे।