NEWSPR डेस्क। ग्रामीण सड़कों का निर्माण के साथ-साथ उसका रखरखाव राज्य सरकार की प्राथमिकता में है।बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति-2018 के अंतर्गत ग्रामीण पथों के शत-प्रतिशत सतत नवीकरण एवं अनुरक्षण की योजनाओं का भी शुभारम्भ किया गया। राज्य के किसी कोने से छः घंटे में पटना पहुँचने के लक्ष्य को लगभग प्राप्त कर लिया है और अब राज्य के किसी भी सुदूर दुर्गम क्षेत्रों से पटना पहुँचने के पांच घंटे के लक्ष्य पर पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ इस काम को करने में लगा है|
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 500 तक की आबादी वालों को पक्की सड़क से जोड़ा जा रहा है.
जबकि 250-499 की आबादी वाले गाँव को मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना के माध्यम से पक्की सड़कों से जोड़ा जा रहा है| सात निश्चय योजना के अंतर्गत टोला सम्पर्क योजना के माध्यम से सभी टोलों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा रहा है इसमें ज्यादातर हाशिये पर रहने वाले लोग, गरीब लोग, अनुसूचित जाति, अतिपिछडा वर्ग के लोग वहां रहते हैं| बिहार में 89 प्रतिशत आबादी गाँव में निवास करती है जिसमें 76 प्रतिशत की आबादी के आजीविका का आधार कृषि है| कृषि रोड मैप बनाय़े जाने से कृषि की उत्पादकता और उत्पादन दोनों बढ़ा है|
फसल, सब्जी, फल, पशुपालन, मत्स्यपालन, बकरीपालन एवं अन्य ग्रामीण रोजगारों को इसमें बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है| ग्रामीण सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है| गाँव तक अगर सड़क अच्छी हो तो किसानों के उत्पादन की कीमत अच्छी मिलेगी| राज्य की हरेक ग्रामीण सड़कों के मेंटेनेस के लिए के लिए मेंटेनेस पालिसी बनाई गयी है| OPRMC में सभी सड़कों को शामिल कराया गया है| सड़कों को विस्तृत एवं मजबूत ढंग से बनाया जा रहा है|
मुख्यालय के स्तर पर विकसित मजबूत तंत्र राज्य की हरेक सड़कों को माइक्रो लेबल पर निगरानी करेगा। सड़कों का निर्माण जितना जरूरी है उसकी सतत निगरानी उतनी ही जरूरी है|गुणवत्ता निर्माण की पूरी प्रणाली आई टी आधारित है।पहले जहाँ 25 प्रतिशत सङकें असंतुष्ट घोषित होती थी अब घटकर 8 प्रतिशत पर आ गयी है। 5 प्रतिशत सर्वोच्च गुणवत्ता वाले राज्यों के बराबर जल्द ही हम पहुँचेंगे। पूरे सुरक्षा मानकों का ख्याल रखते हुए सड़कें बनायी जा रही है। वेस्टेज प्लास्टिक का सदुपयोग कर सड़कें बनायी जा रही है।राज्य की ग्रामीण सड़कें सेटेलाइट एविगेशन पर उपलब्ध है।
कामों की गुणवत्ता को बेहतर बनाये रखते हुए और मेंटेनेस पोलिसी के लिए तेजी से काम किया जा रहा बिहार ग्राम पथ अनुरक्षण नीति को लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून से लिंक किया जाएगा| पंचायत सरकार भवन में ही अब लोग लोक सेवा अधिकार कानून, लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के माध्यम से अपना आवेदन दे सकते हैं| उन्हें अब इसके लिए सारी सुविधाएं पंचायत सरकार भवन में ही उपलब्ध होगी| ग्रामीण स्तर पर सड़कों के निर्माण एवं रखरखाव सम्बन्धी शिकायत अब कोई भी ग्रामीण कर सकेंगे| पिछले दस वर्षों से बिहार डबल डिजिट ग्रोथ से आगे बढ़ रहा है| इस वर्ष का ग्रोथ रेट 11.3 प्रतिशत है| राज्य का जीएसडीपी बढ़ा है| लोगों की आमदनी बढ़ रही है| राज्य के खजाने में पहले से अधिक टैक्स आ रहे हैं। इंजीनियरों की बहाली भी तेजी से की जाएगी ताकि कोई भी निर्माण कार्य में असुविधा न हो|