बिहार में अब 15 लाख से अधिक ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है। बिजली कंपनी ने ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है, जिन पर 5,000 रुपये से ज्यादा का बकाया है।
हर दिन 25 बड़े बकायेदारों से वसूली
प्रत्येक शाखा में रोजाना 25 बड़े बकायेदारों से बकाया वसूलने के लिए अभियान चलाया जाएगा। जो उपभोक्ता बकाया राशि का भुगतान नहीं करेंगे, उनके बिजली कनेक्शन काट दिए जाएंगे। वितरण कंपनी की राजस्व शाखा ने सभी सहायक और कनीय विद्युत अभियंताओं को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
मुख्य उद्देश्य राजस्व वसूली
कंपनी ने कहा है कि इस अभियान का उद्देश्य केवल कनेक्शन काटना नहीं है, बल्कि राजस्व वसूली को बढ़ाना है। यदि उपभोक्ता अपनी बकाया राशि का 50% भुगतान करते हैं, तो उनका कनेक्शन काटा नहीं जाएगा। नॉर्थ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने इस अभियान को 31 मार्च तक जारी रखने का निर्णय लिया है।अप्रैल 2024 से बकाया भुगतान नहीं करने वाले उपभोक्ताकंपनी के अनुसार, राज्य में 15 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं, जिन्होंने अप्रैल 2024 से बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है और इन पर 5,000 रुपये से अधिक का बकाया है। इन उपभोक्ताओं से वसूली सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष डिस्कनेक्शन गैंग गठित किया गया है, जो हर दिन 25 बड़े बकायेदारों से भुगतान सुनिश्चित करेगा। अगर उपभोक्ता भुगतान करने में देरी करेंगे, तो उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा।दक्षिण बिहार में 8 लाख से अधिक बकायेदारकंपनी के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण बिहार में 8 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं, जिन पर 5,000 रुपये से ज्यादा का बकाया है। वित्तीय वर्ष के अंत में अब तीन महीने से भी कम समय रह गया है, और बकाया राशि की वसूली में देरी से कंपनी की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ रहा है।
अभियंताओं को दी गई सूची और लक्ष्य
मुख्यालय ने अभियंताओं को उन उपभोक्ताओं की सूची भेजी है, जिन पर 5,000 रुपये से अधिक का बकाया है। इन उपभोक्ताओं से प्राथमिकता के आधार पर भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। डिस्कनेक्शन गैंग को प्रतिदिन 25 उपभोक्ताओं में से कम से कम 20 से वसूली करनी होगी।
ब्याज से बचने के लिए 50% भुगतान जरूरी
कंपनी ने उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे बकाया राशि का 50% भुगतान करें, ताकि उनका कनेक्शन काटने से बच सके और उन्हें अतिरिक्त 1.5% ब्याज का भुगतान न करना पड़े। यह अभियान मार्च 2025 तक जारी रहेगा, ताकि कंपनी की वित्तीय स्थिति को सुधारते हुए राजस्व संग्रहण में तेजी लाई जा सके।