NEWSPR डेस्क। भोजपुर में लड़की के मामले में दो गुटों में जमकर मारपीट हुई। इस खूनी संघर्ष का वीडियो वायरल हो रहा है। पुलिस के सामने ही लाठी-डंडे चले। मामला जिले के मुफ्फसिल इलाके के पिरौटा गांव का है। जहां पुलिस के सामने ही पहले तीन-चार लोग एक दलित युवक पर लाठी-डंडे और ईंट से हमला कर दिए। युवक को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। इसी दौरान दूसरे पक्ष के लोग भी आ जाते हैं। फिर दोनों पक्षों में जमकर मारपीट होती है। पुलिस रोकने की कोशिश करती है, लेकिन वे नहीं मानते हैं।
बताया जा रहा है कि खूनी संघर्ष 30 मार्च को हुआ था। जिसका वीडियो अब सामने आया है। इसके बाद से राजनीति शुरू हो गई है। दरअसल, गांव के संतोष राम की नाबालिग बेटी 12 मार्च 2020 को अचानक गायब हो गयी थी। परिजनों ने पहले अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई। बाद में जानकारी मिली कि लड़की के गायब होने के पीछे गांव के ही मुकेश यादव का हाथ है। फिर परिजनों ने उसके खिलाफ नामजद केस कराया। इसके बाद से ही केस उठाने को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। इस बीच कई बार मारपीट की घटनाएं हुई। केस अभी कोर्ट में है और लड़की अभी तक गायब है।
वहीं घटना में घायल राजकुमार ने बताया कि दूसरे पक्ष के लोग केस सुलह कराने का दबाव बना रहे थे। उस दिन जब घर से निकलकर बाजार की ओर जा रहा था, तभी दूसरे पक्ष के लोगों ने रास्ते में जमकर पिटाई कर दी। उधर दूसरे पक्ष के लोगों ने आरोप लगाया कि उनके घर के रास्ते में इन लोगों ने गोबर रख दिया गया था। इसको लेकर उनके बीच पहले तीखी नोकझोंक हुई। देखते-देखते बात बढ़ गई। जिसके बाद मारपीट हो गई।
इस खूनी संघर्ष में पिरौटा गांव निवासी गामा राम, उसका बेटा राधा किशुन राम, पत्नी जोनिहा देवी, चंद्रभान राम, उसकी पत्नी विमला देवी, दो पुत्र चंदन, नंदन राम, चांद किशोर राम का बेटा राजकुमार, इंद्रजीत और दूसरे पक्ष से पिरौटा गांव निवासी भोला शंकर राय के तीन पुत्र छोटू कुमार, अंकित और बिट्टू कुमार शामिल हैं।
घटना के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का बयान सामने आया है। मांझी ने कहा है कि ‘दलित बेटियों को उठा लो, केस करें तो उठाने के लिए जानलेवा हमला करो। उस घटना पर किसी तथाकथित हिन्दुवादी संगठनों/नेताओं की जबान खुलेगी या फिर गूंगे हो जाओगे।’ उन्होंने भोजपुर SP विनय तिवारी से मामले में शामिल लोगों और मूकदर्शक पुलिसकर्मियों पर अविलंब कार्रवाई करने की मांग की है।