बिहार में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए विशेष निगरानी इकाई (SVU) लगातार सक्रिय है। इसी क्रम में शुक्रवार सुबह जहानाबाद के पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) संजीव कुमार के तीन ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई, जिससे पूरे पुलिस विभाग में हलचल मच गई। यह कार्रवाई पटना, जहानाबाद और खगड़िया स्थित उनके आवासीय और कार्यालय परिसरों में एक साथ हुई, जिसमें छह महंगे प्लॉट, करीब तीन करोड़ रुपये मूल्य के 10 ट्रकों से जुड़े कागजात और बेहिसाब संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए।यह छापेमारी उस मामले के बाद हुई, जो गुरुवार को दर्ज हुआ था।
इसमें संजीव कुमार पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। जांच में पता चला कि पटना के रामनगरी में उनकी चार मंजिला आलीशान इमारत है, जबकि खगड़िया स्थित एक बहुमंजिला अस्पताल के निजी कक्ष से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले। इन्हीं से खुलासा हुआ कि उनकी पत्नी के नाम पर 10 ट्रक दर्ज हैं।जहानाबाद के सरकारी आवास से भी ऐसे दस्तावेज बरामद हुए, जो इन ट्रकों में ईंधन की आपूर्ति और उनसे होने वाली कमाई का सबूत देते हैं।
एसवीयू की जांच में यह भी सामने आया कि खगड़िया में तैनाती के दौरान उन्होंने भू-माफियाओं से सांठगांठ कर लाखों रुपये के प्लॉट में निवेश किया।तलाशी में बेगूसराय में 23.50 लाख रुपये मूल्य के चार खेती योग्य प्लॉट, खगड़िया में 20 लाख रुपये का एक भूखंड और समस्तीपुर में 12 लाख रुपये का प्लॉट भी मिले। इसके अलावा एक महिंद्रा एसयूवी, एक बाइक और 38 लाख रुपये कीमत के जेवरात जब्त किए गए।जांच के दौरान संजीव कुमार और उनकी पत्नी के नाम पर एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ इंडिया और आईडीबीआई में कई बैंक खातों का भी पता चला, जिनकी जांच जारी है। 1994 में सरकारी सेवा में आए संजीव कुमार के पास तीन दशकों में इतनी बड़ी संपत्ति का होना खुद एसवीयू के अधिकारियों को भी चौंका रहा है। सूत्रों के अनुसार, अब तक बरामद चल-अचल संपत्ति का मूल्य प्राथमिकी में दर्ज आंकड़ों से कहीं अधिक हो सकता है।