NEWSPR डेस्क। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को नई संसद की नींव रखेंगे. अभी का मौजूदा संसद भवन बेहद पुराना और सीमित जगह की वजह से छोटा पड़ने लगा है. इसलिए नए भवन की आवश्यकता अरसे से महसूस की जाती रही है. भूमि पूजन कार्यक्रम के दिन विपक्ष के कुछ नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।
नया त्रिकोणीय संसद भवन केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ही हिस्सा है, जिसके तहत वर्तमान लुटियन जोन में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ के दोनों तरफ मौजूद वर्तमान कार्यालयों व आवासों को हटाकर संयुक्त केंद्रीय सचिवालय आदि निर्मित किए जाएंगे.
कैसा होगा भवन:-
नए संसद भवन का निर्माण तकरीबन 850 करोड़ रुपये की लागत से होगा. यह संसद भवन की मौजूदा संसद भवन परिसर में ही बनेगा. 2022 में तक इस नए संसद भवन को पूरा करने की योजना है. ताकि जब देश आजादी का 75वां साल मना रहा हो तो सरकार नए संसद भवन में बैठकर आजादी के त्योहार को मनाए.
नई इमारत 65,000 वर्ग मीटर में फैली होगी, जिसमें 16921 वर्ग मीटर का इलाका अंडरग्राउंड भी होगा. नई बिल्डिंग में भी 3 फ्लोर होंगे जिसमें से एक ग्राउंड फ्लोर जबकि 2 मंजिल उसके ऊपर होंगे. भवन का डिजाइन त्रिकोणीय होगा, जिसका नजारा आसमान से देखने पर तीन रंगो की किरणों वाला होगा. लोकसभा की नई इमारत में सदन के अंदर 900 सीटें होंगी. सीटों को भविष्य को ध्यान में रखकर अधिक बनाने की योजना है. ताकि आने वाले समय लोकसभा में सीटें बढ़ती हैं तो दिक्कत न हो.
नए सदन में दो-दो सांसदों के लिए एक सीट होगी, जिसकी लंबाई 120 सेंटीमीटर होगी. राज्यसभा की नई इमारत में 400 सीटें होंगी. नए संसद भवन में एक कांस्टीट्यूशन हॉल भी होगा, जो भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा. इसके अलावा संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समितियों के लिए कमरे, खान-पान के लिए स्थान और वाहन पार्किंग की जगह भी होगी। मौजूदा भवन, ब्रिटिश काल का है जिसका डिजाइन एडविन लुटियंस और हरबर्ट बेकर ने तैयार किया था. उन दोनों ने ही नई दिल्ली का निर्माण किया था.
नया संसद बनाएगा टाटा कंपनी:-
नए संसद का निर्माण टाटा कंपनी करेगी. संसद भवन की नई इमारत बनाने के लिए टाटा कंपनी ने छह कंपनियों को पछाड़ते हुए इसका ठेका 61.9 करोड़ रुपये में हासिल किया है. नए संसद भवन का डिजाइन करने वाले विमल पटेल गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले हैं. पटेल ही सेंट्रल विस्टा की रीडिजाइनिंग भी कर रहे हैं. मौजूदा संसद भवन मौजूदा संसद भवन की आधारशिला 12 फरवरी 1921 को रखी गई थी और इसके निर्माण में 6 साल का वक्त लगा था. पुराने भवन के निर्माण में 83 लाख रुपये की लागत आई थी और इसका उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था. मौजूदा संसद भवन के बारे में माना जाता है कि ये चौंसठ योगिनी मंदिर के स्वरूप से प्रेरित है।