बिहार के दरभंगा जिले में बुधवार, 28 मई की सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब अज्ञात हमलावरों ने एक शिक्षक की बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी। यह वारदात सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के भरवाड़ा-कमतौल मार्ग पर हुई। मारे गए शिक्षक की पहचान 55 वर्षीय मंसूर आलम के रूप में हुई है, जो मधुबनी जिले के बिस्फी थाना क्षेत्र के परसौनी गांव के निवासी थे।
मंसूर आलम रोज की तरह साइकिल से रसूलपुर निस्ता स्थित प्राथमिक विद्यालय पढ़ाने जा रहे थे, तभी बाइक पर सवार बदमाशों ने उन्हें निशाना बनाते हुए सिर और कंधे पर दो गोलियां दाग दीं। गोली की आवाज़ सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो शिक्षक को खून से लथपथ ज़मीन पर पड़े देखा। पुलिस को तुरंत सूचना दी गई, जिसके बाद सदर टू एसडीपीओ ज्योति कुमारी के नेतृत्व में जांच शुरू की गई।स्थानीय लोगों ने बताया कि मंसूर आलम मिलनसार और शांत स्वभाव के व्यक्ति थे, जिनकी किसी से कोई व्यक्तिगत रंजिश नहीं थी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यह सुनियोजित हत्या थी या फिर कोई भ्रम का परिणाम?पुलिस ने मौके से शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। विद्यालय के अन्य शिक्षकों से पूछताछ की जा रही है, साथ ही इलाके में सघन छानबीन और नाकेबंदी कर दी गई है।
एसडीपीओ ज्योति कुमारी ने कहा कि जांच अभी शुरुआती दौर में है और पीड़ित परिवार के आने के बाद कई बिंदुओं पर जानकारी स्पष्ट हो सकेगी।मामले की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल कॉल डिटेल और स्थानीय इनपुट के सहारे आरोपियों की पहचान में जुटी है।
समाज ने खोया एक समर्पित शिक्षक- 2006 से बतौर उर्दू शिक्षक कार्यरत मंसूर आलम को उनकी कर्तव्यनिष्ठा और शांति प्रिय स्वभाव के लिए जाना जाता था। उनके आकस्मिक निधन से विद्यालय के शिक्षक, छात्र और ग्रामीण समुदाय में गहरा शोक व्याप्त है। उनका जाना न केवल शिक्षा जगत, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ी क्षति है।