जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में भीषण आतंकी हमला, 26 लोगों की मौतमंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए एक भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। दोपहर लगभग 2:45 बजे बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी, जिसमें कम से कम 26 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह हमला 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है।सैलानियों को बनाया गया निशानाप्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकवादी सेना की वर्दी में आए थे और पहाड़ियों से उतरकर पर्यटकों के बीच पहुंच गए। उन्होंने पहले लोगों से नाम पूछे और फिर फायरिंग शुरू कर दी।
घाटी में उस समय भारी संख्या में सैलानी मौजूद थे, जिससे हताहतों की संख्या अधिक रही।आईबी अधिकारी की हत्या, परिवार के सामने दिल दहला देने वाली वारदातहमले में बिहार के रोहतास जिले के निवासी मनीष रंजन की भी जान चली गई। मनीष इंटेलिजेंस ब्यूरो में अधिकारी थे और फिलहाल हैदराबाद में तैनात थे। वह अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने कश्मीर आए थे। आतंकियों ने उनका नाम पूछने के बाद उनकी पत्नी और बच्चों के सामने ही उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।नीतीश कुमार ने जताया शोकबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि यह हमला बेहद निंदनीय है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।TRF ने ली हमले की जिम्मेदारीइस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, हमलावर हाल ही में जम्मू बॉर्डर के रास्ते भारत में घुसे थे और किश्तवाड़ के जरिए घाटी में पहुंचे।सरकार का कड़ा रुख, पीएम दौरा छोड़ लौटेहमले के बाद पूरे देश में रोष है। गृह मंत्री अमित शाह तुरंत श्रीनगर पहुंच गए, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा बीच में छोड़कर भारत लौटने का फैसला किया। आज राष्ट्रीय सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक बुलाई गई है।देशभर में शोक और आक्रोशप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेताओं ने हमले की कड़ी निंदा की है। देशभर में इस वीभत्स घटना को लेकर गहरा शोक और गुस्से का माहौल है। इस हमले ने एक बार फिर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।