राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने हड़ताल पर गए विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों को स्पष्ट कर दिया है कि 30 अगस्त शाम 5 बजे तक जो भी कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर लौटकर बंदोबस्त कार्यालय में लिखित सूचना देंगे, उन्हीं पर विभाग विचार करेगा। इस तिथि के बाद लौटने वालों को कोई अवसर नहीं दिया जाएगा। साथ ही, जिन संविदा कर्मियों को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है, उनके मामलों पर विभाग कोई विचार नहीं करेगा।
16 अगस्त से हड़ताल पर थे संविदा कर्मी
ज्ञात हो कि राजस्व महा-अभियान की शुरुआत के साथ ही बड़ी संख्या में संविदा कर्मी 16 अगस्त से हड़ताल पर चले गए थे। इनमें विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो, अमीन और लिपिक शामिल हैं। जिलों से लगातार रिपोर्ट मिल रही है कि संविदाकर्मी हड़ताल छोड़कर लौट रहे हैं। अब तक 2087 संविदा कर्मी ड्यूटी पर वापस आ चुके हैं, जबकि 407 संविदा कर्मी शुरू से ही हड़ताल पर नहीं गए थे। इन मामलों पर विभाग विचार कर रहा है।
नियमितीकरण की अफवाहों से बचें
निदेशालय ने यह भी साफ किया है कि सेवा नियमितीकरण या संविदा अवधि को 60 वर्ष तक बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसको लेकर तथाकथित संघ द्वारा फैलाई जा रही खबरें पूरी तरह झूठी हैं। विभाग का कहना है कि संघ की ओर से “सरकार से सकारात्मक वार्ता” जैसी भ्रामक बातें फैला कर संविदाकर्मियों से चंदा लिया जा रहा है, जो पूरी तरह गलत है।
अब तक 383 संविदाकर्मी बर्खास्त
विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 383 संविदा कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इन पर किसी भी स्तर पर विचार नहीं किया जाएगा। वहीं, हड़ताल से लौटने वाले संविदाकर्मियों के मामलों में जिलों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर कार्रवाई चल रही है।
विभाग की अपील
निदेशक भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने संविदा कर्मियों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और समय रहते अपने कार्यस्थल पर योगदान सुनिश्चित करें।