NEWSPR डेस्क। गोपालगंज कोरोना काल में देशभर में ऑक्सीजन की कमी महसूस की गई थी. जरूरत के समय ट्रेनों के जरिये एक जगह से दूसरे जगह तक ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई थी. इसे देखते हुए बिहार में बड़ा फैसला लिया गया है. गोपालगंज में प्रदेश का पहला ऑक्सीजन पार्क विकसित किया जाएगा. इसके लिए जगह का चयन भी कर लिया गया है. ऑक्सीजन पार्क के विकसित होने पर कोरोना काल जैसी आपातकालीन परिस्थितियों में काफी मदद मिलेगी. बिहार में कुल मिलाकर फिलहाल 5 ऑक्सीजन पार्क विकसित करने की योजना है. इसके लिए जिलों का चयन कर लिया गया है.
जानकारी के अनुसार, बिहार में पहला ऑक्सीजन पार्क बनने जा रहा है. यह पार्क गोपालगंज जिले के ऐतिहासिक थावे के जंगल में बनाया जाएगा. आजादी के अमृत महोत्सव पर वन विभाग की ओर से इसकी शुरुआत की गई है. हरे-भरे जंगल के बीच ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर स्थित है. यहां देशभर के पर्यटक सालों भर आते रहते हैं. पर्यटकों के लिए इसी जंगल में बिहार का पहला ऑक्सीजन पार्क बनने जा रहा है. वन विभाग की ओर से नगर वन योजना के तहत इसे विकसित किया जा रहा है. क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक एके द्विवेदी ने बताया कि नगर वन में कई तरह के पार्क बनाए जाएंगे. इन्हीं में से एक ऑक्सीजन पार्क भी होगा.
एके द्विवेदी ने बताया कि ऑक्सीजन पार्क का मूल उदेश्य ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाए रखना है. यह पार्क कोई साधारण पार्क नहीं होगा, बल्कि यहां तमिलनाडु के सलेम स्थित पेरियार विश्वविद्यालय की तर्ज पर बांस की खास किस्म के पौधे लगाए जाने की तैयारी है. जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर थावे में 12.63 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले इस जंगल में देशभर से पर्यटक सालों भर आते हैं. वन प्रमंडल पदाधिकारी राम सुंदर एम ने बताया कि थावे में बनने वाले ऑक्सीजन पार्क में भीमा प्रजाति के बांस के पौधे लगाए जाएंगे. ये पौधे जब पेड़ बन जाएंगे तो लोगों को इससे ऑक्सीजन मिल पाएगा. भीमा बांस के पेड़ की खासियत यह है कि ये अन्य पेड़ों के मुकाबले 35 फीसदी अधिक ऑक्सीजन वातावरण में छोड़ता है.
साथ ही यह पेड़ ज्यादा समय तक जीवित भी रहता है. इस पेड़ से लोगों को ऑक्सीजन तो मिलेगा ही साथ ही वातावरण भी शुद्ध होगा. इसके अलावा बटरफ्लाई पार्क भी बनाया जाएगा. यह तितलियों के लिए खास पार्क होगा। बिहार में गोपालगंज समेत 5 शहरों में ऑक्सीजन पार्क बनाने की योजना है. इनमें बांका, गया, रोहतास और नालंदा शामिल है. आजादी के 75वें साल के मौके पर आयोजित अमृत महोत्सव पर वन विभाग ने देशभर में 75 शहरों को नगर वन योजना के तहत चिन्हित किया है. जैव विविधता के संरक्षण और संवर्द्धन में मदद मिलेगी. सैर करने वालों की भरपूर ऑक्सीजन से सेहत भी सुधरेगी. थावे मंदिर में पूजा के लिए आने वाले पर्यटक भी इससे आकर्षित होंगे.