डॉ. भीमराव अंबेडकर को साक्षी मानकर प्रेमी युगल ने रचाई शादी, परिजनों की सहमति से लिए सात फेरे

Patna Desk

भागलपुर प्यार जब परवान चढ़ता है तो न जात-पात देखता है,न समाज की बंदिशें मानता है एक ऐसा ही कुछ हुआ भागलपुर के नवगछिया पुलिस जिला के नारायणपुर के भवानीपुर थाना क्षेत्र में। जहां, सुपौल के रहने वाले एक युवक ने अपने मामी के सगी बहन से प्रेम विवाह कर लिया दरअसल, मधुरापुर गांव की रहने वाली मुस्कान कुमारी और सुपौल जिले के देवनारायण कुमार के बेटे सुनील कुमार ने अपने प्यार को शादी के बंधन में बदल डाला परिजन सूत्रों के मुताबिक मुस्कान और सुनील के बीच पिछले चार साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था जैसे-जैसे उनका रिश्ता गहराता गया, दोनों ने जीवनभर साथ रहने का फैसला कर लिया लेकिन परिवार वालों की मंजूरी नहीं मिल पाने के कारण दोनों ने 9 अप्रैल को घर से भागने का फैसला लिया जिसके बाद प्रेमी सुनील सुपौल से सीधा भागलपुर पहुँचे और वहीं से मुस्कान के साथ फरार हो गए। प्रेमी ने शादी रचाकर मुस्कान को अपने घर सुपौल ले गए।

वही, लड़की के परिवार वालों ने स्थानीय थाना में गुमशुदी का रिपोर्ट दर्ज करवा और और खोजबीन शुरू की परिजनों ने काफी खोजबीन की, लेकिन दोनों का कोई सुराग नहीं मिला आखिरकार दोनों की शादी की खबर लड़की के परिवार वालों तक पहुँची इसके बाद दोनों परिवारों ने आपसी समझौते के बाद रिश्ते को मंजूरी दी मधुरापुर मार्केट स्थित मां काली मंदिर में डॉ.भीमराव अंबेडकर की तस्वीर के समक्ष दोनों ने सात फेरे लिए और जीवन भर एक-दूजे का साथ निभाने की कसमें खाईं शादी के बाद मुस्कान ने कहा, “मैंने अपनी मर्जी से शादी की है अब किसी भी हाल में सुनील को कोई परेशानी नहीं होने दूंगी” वहीं, सुनील ने कहा कि “हम दोनों सच्चे दिल से एक-दूसरे से प्रेम करते हैं अब हम हमेशा के लिए एक हो गए हैं वहीं गांव और आसपास के लोगों ने भी इस नवविवाहित जोड़े को ढेरों शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया *मामी के घर आया था प्रेमी एक नजर में हुआ था प्यार* सुपौल के रहने वाले प्रेमी अपने मामी के घर नारायणपुर आया था इसी दौरान मुस्कान से उसकी मुलाकात हुई थी इसके बाद दोनों के बीच प्यार गहराता गया और दोनों ने शादी का फैसला कर लिया लेकिन परिवार वालों की मंजूरी नहीं मिलने के कारण घर से भाग कर शादी का फैसला लिया ठीक वैसा ही उन्होंने किया जैसा उन्होंने सोचा बाद में दोनों के परिवारवालों की सहमति से आज नारायणपुर के मधुरापुर मार्केट स्थित काली मंदिर में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को साक्षी मानते हुए दोनों ने साथ फेरो की बंधन में बंध गए।

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