NEWSPR PATNA DESK: राज्य सरकार ने ग्रामीण आवास की संख्या में 10 गुना इजाफा करने करने का फैसला लिया है. योजना की स्वीकृति से लेकर अब तक चार बार आवास की संख्या बढ़ायी गयी है. ग्रामीण इलाकों में आवास की मांग को देखते हुए सरकार ने ये निर्णय लिया है. योजना की स्वीकृति के समय वर्ष 2023-24 में मात्र 6560 आवास की स्वीकृति दी गयी. दूसरी बार 1759, तीसरी बार 27160 और चौथी बार 30234 आवास बढ़ाये गये . अब कुल मिलाकर 65713 आवास की संख्या हो गयी है. इनमें 52540 आवास पूर्ण कर लिये गये हैं. जबकि 11070 आवास का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हुआ है, जबकि 1584 आवास की अभी तक स्वीकृति नहीं नहीं मिली है. 97.64 फीसदी आवास ही स्वीकृत हुए हैं. 82.76 प्रतिशत आवास का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है.
राज्यभर के 24 जिलों में सौ फीसदी आवास का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. कटिहार, अररिया, पटना, खगड़िया, औरंगाबाद, किशनगंज, सीतामढ़ी, जहानाबाद, पश्चिम चंपारण, शेखपुरा और सुपौल में सौ फीसदी आवास का निर्माण पूर्ण कर लिया गया.
वहीं कैमूर, लखीसराय, बांका, शिवहर, सारण, दरभंगा, मधेपुरा, पूर्वी चंपारण, बक्सर, जमुई, बेगूसराय और मधुबनी में भी 100 फीसदी निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है. जबकि नालंदा में 664 समेत 1484 आवास अभी तक स्वीकृत ही नहीं हुए है.
मुजफ्फरपुर में 44, गया में 49, गोपालगंज में 14, पूर्णिया में चार, मुंगेर में 41, सीवान में 22 और सहरसा में 24 आवास अभी तक स्वीकृत नहीं हुए हैं. अरवल में 18, नालंदा में 664, नवादा में 31, समस्तीपुर में 325, भोजपुर में 18, रोहतास में 186, भागलपुर में 43, वैशाली में एक आवास अभी तक स्वीकृत नहीं हुए हैं. मुजफ्फपुर, शिवहर और गया में सबसे अधिक आवास अपूर्ण मुजफ्फरपुर में 2145, शिवहर में 866, गया में 828, सारण में 720 आवास का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया है, जबकि गोपालगंज में 613, पूर्णिया में 538, मुंगेर में 490, सीवान में 409 और दरभंगा में 423 आवास अपूर्ण हैं.