NEWSPR डेस्क। पटना डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर अस्पतालों की OPD पूरी तरह से ठप पर गई है। PMCH में दूर-दराज से इलाज के लिए आए मरीज अस्पताल में परेशान हाल भटक रहे हैं। दानापुर से आए मरीज सहदेव ठाकुर की पर्ची तो काट दी, लेकिन इलाज नहीं हुआ। पटना मेडिकल कालेज में 256 रजिस्ट्रेशन साढ़े नौ बजे तक हुआ था। इसके बाद डॉक्टर आकर रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद करा दिए। 256 मरीज अब इलाज के लिए भटक रहे हैं।
प्रदेश के लगभग 35 हजार डॉक्टर हड़ताल पर हैं। वे इमरजेंसी और कोरोना जांच के साथ संक्रमितों के इलाज का ही काम देखेंगे। अन्य किसी चिकित्सकीय सेवा में भाग नहीं लेंगे। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के OPD में रोज औसतन 2000 मरीज आते हैं। पटना के अन्य सरकारी अस्पतालों के OPD मिलाकर कुल पांच हजार मरीजों के इलाज पर हड़ताल का असर पड़ेगा। शुक्रवार को हड़ताल है और शनिवार को एक दिन OPD होगा, फिर रविवार को OPD बंद रहेगा। सोमवार से ही OPD व्यवस्थित तरीके से चल पाएगा।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) बिहार के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के 35 हजार डॉक्टरों ने पहले से ही हड़ताल की तैयारी कर ली। सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में इमरजेंसी सेवा छोड़ कोई भी काम नहीं होगा। वाह्य चिकित्सा सेवा को पूरी तरह से शटडाउन कर दिया जाएगा।
सुबह 6 से शाम को 6 बजे तक डॉक्टर पूरी तरह से हड़ताल पर रहेंगे। डॉ. सच्चिदानंद का कहना है कि मिक्सोपैथी ऑफ एनएमसी, आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी करने का अधिकार देना गलत है। यह मरीजों के हित में नहीं है। इसी कारण से डॉक्टरों ने शुक्रवार को सुबह 6 से शाम 6 बजे तक हड़ताल का फैसला लिया है।
डॉक्टरों की हड़ताल के बाद मरीजों के लिए एक दिन OPD का समय मिलेगा। शनिवार के बाद रविवार को फिर OPD बंद रहेगा। ऐसे में शनिवार को ओपीडी में काफी भीड़ हो जाएगी। अब सोमवार से ही अस्पतालों के OPD व्यवस्थित ढंग से चल पाएंगे।
पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…