बिहार में शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया एक बार फिर शुरू हो गई है। राज्य स्तर पर अब हर शिक्षक को तीन जिलों के विकल्प देने का मौका मिलेगा। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन 5 से 13 सितंबर तक स्वीकार किए जाएंगे। इसके बाद 14 से 18 सितंबर के बीच जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। स्थानांतरण केवल उन्हीं पदों पर संभव होगा, जहां सीटें खाली होंगी।
जिलास्तरीय समिति में डीएम के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को शामिल किया गया है।
कैमूर, बांका और जमुई में शिक्षकों की भारी कमी
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि बांका के बेलहर और जमुई के चकाई प्रखंड में सबसे अधिक शिक्षक पद रिक्त हैं। कैमूर जिले में भी शिक्षकों की संख्या बेहद कम है। उन्होंने कहा कि अब तक सॉफ़्टवेयर के जरिए पूरी पारदर्शिता के साथ 98 हज़ार शिक्षकों का ऐच्छिक स्थानांतरण किया जा चुका है, जबकि 25 हज़ार से अधिक शिक्षकों का पारस्परिक (म्युचुअल) ट्रांसफर हो चुका है।
भर्ती और नियुक्तियों का ब्योरा
मंत्री ने जानकारी दी कि टीआरई-1 से लेकर टीआरई-3 तक कुल 2 लाख 33 हज़ार से अधिक शिक्षकों की बहाली हुई है। इसके अलावा, 35 हज़ार से ज्यादा प्रधानाध्यापक और प्रधान शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। राज्य सरकार ने 2.5 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा भी दिया है।
वर्तमान में बिहार के सरकारी स्कूलों में 5 लाख 97 हज़ार शिक्षक कार्यरत हैं। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में अब तक 10 लाख युवाओं को नौकरी मिली है, जिनमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी शिक्षा विभाग की रही है।
टीआरई-4 के लिए 26,500 रिक्तियां सामने आईं
शिक्षा मंत्री ने बताया कि टीआरई-4 के लिए विभिन्न जिलों से अब तक 26,500 पदों की रिक्तियां प्राप्त हुई हैं। हालांकि, अभी कई जिलों से रिक्तियों का ब्योरा आना बाकी है।