400 वन कर्मियों की टीम पर भारी पड़ा जंगल से भटका बाघ, घर में सो रही 12 साल की बच्ची को बनाया शिकार

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल से भटके बाघ ने फिर एक लड़की की जान ले ली है. मृतका की पहचान बगही पंचायत के सिंघाही गांव के मुसटोली निवासी रामाकांत मांझी की पुत्री बगड़ी कुमारी के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि बुधवार की मध्यरात्रि में घर में सो रही लड़की को खींचते हुए ले जा रहा था.

इसी दौरान घर वालों की नजर पड़ी, जिसके बाद मृत अवस्था में छोड़कर बाघ भाग निकला. इस प्रकार बाघ ने अब तक 6 लोगों की जान ले ली है. पिछले महीने में लगातार बाघ 2 लोगों को मारा था, जिसके बाद इस आदमखोर हो चुके बाघ की तलाश वन विभाग की पूरी टीम कर रही थी. इस आदमखोर की तलाश में दो बार क्षेत्र के 5 रेंज के 400 वन कर्मी तलाश कर रहे थे. इसके बावजूद बाघ ने एक लड़की को मार दिया.

परिजनों ने बताया कि बाघ रात्रि में आया मच्छरदानी के अंदर लड़की सो रही थी. मछरदानी को फाड़ते हुए लड़की को लेकर निकल गया. शोर-शराबा करने पर गन्ने के खेत में छोड़ कर भाग गया. इस बीच तैनात वन कर्मियों की टीम ने सर्च अभियान शुरू किया. लगभग 2 घंटे कड़ी मशक्कत के बाद लड़की के शव को वन कर्मियों ने बरामद किया. जब बाघ हमला किया तो झमाझम बारिश हो रही थी. हालांकि, बारिश के कारण लड़की का शव और ढूंढने में भारी परेशानी हुई. शव मिलने के साथ ही शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडलीय अस्पताल बगहा भेज दिया गया है.

बाघ हमले का निशान लड़की के हाथ और गले पर हैं. बाघ ने हाथ और गले पर हमला किया है, जिससे लड़की का हाथ और गर्दन पर बाघ के हमले का निशान पाया गया है. लड़की के पिता ने बताया कि बाघ बहुत बड़ा था. पहले लड़की को झटके से नीचे फेंक दिया. फिर उसे पकड़कर घसीटते हुए आंखों के सामने गन्ने के खेत में लेकर चला गया. हालांकि, लोग शोर शराबा करते रह गए, लेकिन बाघ लड़की को नहीं छोड़ा.

बैरिया कला गांव के अविनाश पर 8 मई को बाघ ने हमला बोला था. अविनाश का पैर और हाथ अभी भी काम नहीं कर रहा है. वहीं, बीते 14 मई को जिमरी नौतनवा निवासी 13 वर्षीय राजकुमार और 20 मई को पुरैना कटहा गांव की रहनेवाली विधवा महिला पार्वती देवी की बाघ के हमले में मौत हो गई थी, जबकि 14 जुलाई को बैरिया कला निवासी धर्मराज काजी को बाघ ने मार डाला था. 12 सितंबर को खेत में काम करने गई बैरिया काला गांव निवासी गुलबंदी देवी की बाघ के हमले में मौत हो गई. 21 सितंबर को बैरिया के पास सरेह रामप्रसाद उरांव को मौत के घाट उतार दिया था. अब बाघ ने पहली बार घर में घुसकर किसी इंसान का शिकार किया है, जिसे लेकर वन विभाग की परेशानी बढ़ गई है. इस घटना के बाद लोगों के अंदर दहशत है.

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