रोहतास में 179 करोड़ रुपये के बालू की चोरी, कई थानों में 6 अलग-अलग FIR

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। रोहतास जिला में शुरू से बालू का खेल शुरू से होता रहा है। इस खेल में कई अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है। ताजा मामले में जिले के अलग-अलग थानों में 6 प्राथमिकी दर्ज की गई है। पूरा मामला यह है कि जब एक जून से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) नदियों से बालू खनन पर रोक लड़ा देती है, तो उस पीरियड में जब नदियों से बालू नहीं निकालना है। उसके लिए बालू उत्खनन करने वाली लीजधारी कंपनी को बालू स्टॉक कर रखने के लिए ‘K’-लाइसेंस निर्गत किया जाता है। लेकिन इससे पहले ही अप्रैल 2021 में लीजधारी कंपनी आदित्य मल्टीकम प्राइवेट लिमिटेड ने अपने लाइसेंस को सरेंडर कर दिया तथा बालू खनन करने से अपने आपको अलग कर लिया। इस दौरान रोहतास के 17 प्वाइंट्स पर स्टोर कर रखे बालू को स्टॉक दिखाया गया। बताया जाता है कि मई 2021 में डिहरी के अनुमंडल स्तर के पदाधिकारियों ने रिपोर्ट किया कि कुल स्टॉक किया गया बालू 4.83 करोड़ सीएफटी हैं। जबकि खनन विभाग का प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट ने जुलाई में फिजिकल वेरिफिकेशन में बताया कि कुल स्टॉक बालू 5 करोड़, 75 लाख, 84 हज़ार CFT हैं। डिहरी का स्थानीय प्रशासन की रिपोर्ट तथा खनन विभाग के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट की मेजरमेंट में लगभग एक करोड़ सीएफटी का अंतर चौकाता है।

179 करोड़ रुपये से अधिक के बालू गायब : सवाल तब खड़े हुए, जब अगस्त के प्रथम सप्ताह में खनन विभाग ने पाया कि स्टॉक किए गए बालू में से मात्र 49 लाख सीएफटी बालू ही बचे हुए हैं। शेष सभी बालू गायब हैं। जिसके बाद खनन विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर गोपाल कुमार ने बालू खनन करने वाली लीजधारी कंपनी आदित्य मल्टीकम प्राइवेट लिमिटेड पर बालू चोरी के आरोप लगाते हुए रोहतास जिला के डेहरी, इंद्रपुरी, दरिहट, तिलौथू तथा डालमियानगर थाना में 6 अलग-अलग मुकदमा दर्ज कर किया गया। खनन विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर गोपाल कुमार ने बताया कि कुल 17 डंपिंग पॉइंट पर बालू को रखा गया था, जो गायब हो गया। जिसकी कुल कीमत 179 करोड़ से अधिक है। इसके लिए आदित्य मल्टीकम प्राइवेट लिमिटेड जिम्मेदार है तथा कंपनी पर नीलामपत्र वाद भी दायर किया गया है।

प्रशासन के नाक के नीचे चल रहा बालू चोरी का खेल : अब सवाल उठता है की खनन विभाग का पीएमयू अर्थात प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट ने जुलाई के प्रथम सप्ताह में 5.76 करोड़ सीएफटी बालू स्टॉक पाया था। प्रशासन के नाक के नीचे से एक महीना के अंदर चोरी कैसे चला गया? खनन विभाग ने 5.27 करोड़ सीएफटी बालू चोरी का आरोप लगाया है। जिसकी कीमत 179 करोड़ से अधिक है। अब मात्र 49 लाख बालू ही शेष बचे हैं। आदित्य मल्टीकम प्राइवेट लिमिटेड का कहना है कि उन लोगों ने अप्रैल 2021 में ही अपना लाइसेंस को सरेंडर कर दिया था। जिसके बाद उस बालू की जवाबदेही उनकी नहीं है। जबकि खनन विभाग का कहना है कि ऑफ सीजन में बालू डंप करने का ‘के-लाइसेंस’ आदित्य मल्टीकम प्राइवेट लिमिटेड को ही निर्गत है। ऐसे में अरबों रुपए के बालू चोरी के लिए कंपनी जिम्मेवार है।

मामले में 6 FIR दर्ज, जांच के लिये SIT का गठन : बता दें कि खनन विभाग ने नीलामपत्र वाद भी दायर किया है। इस संबंध में रोहतास के एसपी आशीष भारती ने बताया कि पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी गठित की गई है। जो इस केस का अनुसंधान कर रही है। दोषी पर शीघ्र अतिशीघ्र कार्रवाई की जाएगी। सवाल उठता है कि एक महीना में 5.27 करोड़ सीएफटी बालू आखिर कैसे चोरी हो गई? जब ट्रकों पर भर भर कर यह बालू ढोया जा रहा था। उस समय जिला प्रशासन की नींद क्यों नहीं खुली? अरबों रुपए का बालू लुट गया और प्रशासन FIR कर पल्ला झाड़ने में लगी है। बता दें कि उक्त मामले में पहले ही डिहरी के एएसपी संजय कुमार तथा एसडीएम सुनिल कुमार पर कार्रवाई हो चुकी है।
सबसे बड़ी बात है कि पुलिस के प्रशासन के नाक के नीचे से जिस तरह से वन 179 करोड़ का बालू गायब हो गया और कहीं किसी को भनक तक नहीं लगी। यह कई सवाल खड़े करती है।

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