बिहार के नालंदा जिले के घोसरावां गांव में स्थित आशापुरी मंदिर में नवरात्र के दौरान महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है। यह प्रथा आदि काल से चली आ रही है, जिसके पीछे का कारण तांत्रिक पूजा की परंपरा है।मंदिर के पुजारी जयनंदन उपाध्याय के अनुसार, तांत्रिक पूजा में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है, जो इस मंदिर की अनोखी प्रथा है।
इस मंदिर में नवरात्र के दौरान बिहार के अलावा कोलकाता, ओडिशा, मध्य प्रदेश, आसाम, दिल्ली और झारखंड से श्रद्धालु आते हैं और अपनी मनोकामना पूरी होने की उम्मीद में पूजा-पाठ करते हैं।मंदिर का निर्माण राजा घोष ने करवाया था, जिसके नाम पर गांव का नाम घोसरावां पड़ा। मान्यता है कि आशापुरी माँ स्वयं इस स्थान पर प्रकट हुई थीं और यहीं पर मंदिर का निर्माण हुआ।नवरात्र के दौरान इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होती है, लेकिन महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहता है।