बिहार में शिक्षा विभाग लगातार बहालियां कर रहा है और शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। अब तक हजारों शिक्षकों की नियुक्ति भी हो चुकी है। लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में सरकारी स्कूल बिना प्रधान शिक्षक के चल रहे हैं।
अब तक 35,333 नियुक्ति, फिर भी 10 हज़ार स्कूल खाली
आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 35,333 प्रधान शिक्षक पदस्थापित हो चुके हैं, लेकिन करीब 10 हज़ार स्कूल अब भी प्रधान शिक्षक विहीन हैं। नतीजतन प्रबंधन की जिम्मेदारी विषय शिक्षकों पर आ जाती है। गणित, विज्ञान, अंग्रेजी और हिंदी जैसे विषय पढ़ाने वाले वरिष्ठ शिक्षक प्रशासनिक कामकाज में उलझे रहते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है।
पटना में 382 स्कूल बिना प्रधान शिक्षक
राजधानी पटना की ही बात करें तो 382 स्कूलों में प्रधान शिक्षक नहीं हैं। यहां विषय शिक्षकों को प्रभारी बना दिया गया है। इसका असर केवल पढ़ाई पर ही नहीं, बल्कि अनुशासन, सफाई, सुरक्षा, पेयजल और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं पर भी दिख रहा है।
जिलों में हालात
जिलों में भी स्थिति गंभीर है। पश्चिम चंपारण में 748, मधुबनी में 712, अररिया में 568, बांका में 529, सुपौल में 445, पूर्वी चंपारण में 409, किशनगंज में 401, सारण में 395, पूर्णिया में 394, मुजफ्फरपुर में 285 और भागलपुर में 157 प्रधान शिक्षकों के पद खाली हैं। इन जगहों पर भी प्रबंधन का बोझ बाकी शिक्षकों पर डालना पड़ रहा है।
क्यों हो रही दिक्कत?
शिक्षा विभाग के मुताबिक, 2024 से पहले प्रधान शिक्षकों की सीधी भर्ती नहीं होती थी। वरिष्ठ शिक्षकों को ही प्रमोशन देकर जिम्मेदारी दी जाती थी। बाद में पढ़ाई और प्रशासन को अलग करने का निर्णय लिया गया और प्रधान शिक्षक के नए पद सृजित किए गए।
भर्ती प्रक्रिया और अड़चनें
कुल 40,247 पदों में से 37,943 को बीपीएससी को सौंपा गया। मार्च 2024 में आवेदन, जून में परीक्षा और नवंबर में रिज़ल्ट जारी हुआ। 36,947 उम्मीदवार सफल घोषित हुए और अब तक 35,333 की नियुक्ति हो चुकी है। 330 पदों पर दोबारा भर्ती होनी है। वहीं करीब 250 प्रधान शिक्षकों को अब तक स्कूल आवंटन नहीं हुआ है।
बच्चों की पढ़ाई पर असर साफ़
प्रधान शिक्षक न होने के कारण कई स्कूलों में विषय शिक्षक प्रबंधन में उलझे रहते हैं। इससे वास्तविक रूप से पढ़ाई करने वाले शिक्षकों की संख्या घट जाती है। विभाग का कहना है कि प्रमोशन और रोस्टर की समीक्षा पूरी होने के बाद बाकी खाली पद भरे जाएंगे और जहां प्रधान शिक्षक नहीं होंगे वहां नई नियुक्तियां शुरू होंगी।