मुंगेर मे नवरात्र के पहला दिन आज मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा होती है । और इसको लेकर देश के 52 शक्तिपीठों में से एक मुंगेर का चंडिका स्थान में सुबह 2 बजे से ही भक्तों का आने का सिलसिला शुरू हो जाता है । हालांकि शक्तिपीठ में घुसे बाढ़ का के पानी के कारण भक्तों को अभी गर्भ गृह में प्रवेश निषेध है । क्यों के गर्भ गृह से लेकर गर्भ गृह तक जाने वाला पूरे रास्ता में करीब तीन फीट से ज्यादा पानी है ।
ऐसे में सुरक्षा के मद्दे नजर सभी के लिए गर्भ गृह का गेट बंद कर दिया गया है। मान्यता है की यहां भक्त नवरात्रा के नौ दिन गंगा स्नान कर वहां से जल उठा लगभग दो किलोमीटर के पैदल यात्रा का चंडिका स्थान पहुंचे मां के नेत्र में जल चढ़ाते है । और इस दौरान सुबह दो बजे से ही भक्तों की भारी भीड़ लगती है । बताते चले की इस शक्तिपीठ में सती का बायां नेत्र गिरा था इस कारण यहां नेत्र की पूजा होती है। भक्तों ने बताया की गर्भ गृह में पानी है इस कारण दूर से ही मां का दर्शन हो पा रहा है । सिर्फ मंदिर के पुजारी अभी पानी में घुस कर भी मां का आरती करते है ।