आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में नई-नई राजनीतिक दलों का गठन होना शुरू हो चुका है। इसका संकेत आरसीपी के समर्थकों ने दिया है। तभी तो पटना की सड़कों पर के द्वारा टाइगर जिंदा है का पोस्टर लगाया गया है। टाइगर जिंदा है के सवाल पर नालंदा के जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जंगल अगर पटना में है तभी न शेर जिंदा है। सभी को मालूम है कि पटना में जंगल नहीं है तो फिर पटना में शेर जिंदा कैसे हो गया। जो मुर्दा लोग हैं वह अपने आप को टाइगर बता रहे हैं।
बिना जंगल का शेर जिंदा नहीं रह सकता है।इसलिए टाइगर जिंदा नहीं बल्कि मुर्दा है। आरपीसी के पार्टी बनाने के सवाल पर कहा कि पार्टी बनाने का अधिकार सभी को है। बिहार में एनडीए गठबंधन और इंडिया महागठबंधन दो ही दल है। एनडीए गठबंधन में नीतीश कुमार के शासनकाल में जो विकास हुआ है जनता उसी विकास के नाम पर नीतीश कुमार को वोट देते आ रही है। जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को सलाह देते हुए कहा कि नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह दोनों नालंदा जिले के है। ऐसी स्थिति में आरपीसी को पार्टी नहीं बल्कि बीजेपी में रहना चाहिए था।