हाल ही में कई जिलों से ऐसी शिकायतें सामने आई हैं कि कुछ स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति नियमित नहीं है, मध्याह्न भोजन में गड़बड़ियां हो रही हैं और प्रैक्टिकल या अन्य बहानों से छात्रों से अवैध रूप से पैसे वसूले जा रहे हैं। इन समस्याओं पर लगाम लगाने के लिए शिक्षा विभाग ने एक नई व्यवस्था लागू की है।विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित, अनुशासित स्कूल वातावरण प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि अब टोल फ्री और व्हाट्सएप नंबर के माध्यम से सीधे छात्र और अभिभावक अपनी शिकायतें साझा कर सकते हैं.
इससे न केवल शिकायतों का समाधान तेज़ी से किया जाएगा, बल्कि स्कूलों पर निगरानी भी बेहतर ढंग से हो सकेगी।इस पूरी व्यवस्था की निगरानी खुद अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ करेंगे। हर शिकायत सीधे उनके पास भेजी जाएगी और वे संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश देंगे। शिकायत सही पाए जाने पर दोषी शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन और वेतन में कटौती जैसे कदम शामिल हैं।गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में टोल फ्री नंबर के ज़रिए सैकड़ों शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
उदाहरण के तौर पर, जनवरी 2025 में 300 से अधिक शिकायतें दर्ज हुई थीं, जिनमें से ज्यादातर 10वीं और 12वीं कक्षा के प्रैक्टिकल के नाम पर अवैध धन वसूली से जुड़ी थीं। इन शिकायतों के आधार पर कई स्कूलों में जांच की गई और जरूरी कार्रवाई भी की गई।शिक्षा विभाग ने अभिभावकों और छात्रों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अनियमितता की सूचना तुरंत दें। विभाग ने भरोसा दिलाया है कि शिकायतों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और उनका समाधान तय समय में किया जाएगा। इसके अलावा सभी स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे टोल फ्री और व्हाट्सएप नंबरों को स्कूल की दीवारों पर साफ़-साफ़ प्रदर्शित करें, ताकि अधिक से अधिक लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकें।