NEWSPR /DESK : रांची में रेलवे पुलिस फोर्स ने दो नाबालिग जोड़ों को अलग-अलग मौके से पकड़ा। दोनों जोड़े अपने परिवार की जानकारी के बगैर भाग रहे थे। इनमें से एक जोड़ा ट्रेन में बैठा मिला जबकि दूसरा जोड़ा रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या-1 पर बैठा मिला। गौरतलब है कि इनमें से एक प्रेमी जोड़ा हजारीबाग का रहने वाला है जबकि दूसरा ओड़िशा का l
हजारीबाग से भागा नाबालिग प्रेमी जोड़ामिली जानकारी के मुताबिक डेली रूटीन स्कॉर्ट के दौरान रांची रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन संख्या 02812 के कोच संख्या एस-3 में एक नाबालिग लड़का और लड़की बैठे मिले। उनसे पूछताछ करने पर पता चला कि दोनों हजारीबाग से अपने-अपने घर से भाग गए हैं। टीम ने दोनों से पूछताछ किया और फिर उनके परिजनों को सूचित किया। मेरी सहेली की टीम ने सत्यापन के बाद दोनों नाबालिगों को उनके-उनके परिवार वालों को सौंप दिया। दोनों अब परिजनों के साथ हैं l
ओड़िशा से भागा नाबालिग जोड़ा रांची पहुंचाइस बीच रांची रेलवे स्टेशन में ही घर छोड़कर भाग रहे एक अन्य नाबालिग जोड़े को रेस्क्यू किया गया। मिली जानकारी के मुताबिक 17 जुलाई को दोपहर तकरीबन 2 बजे आरपीएफ जवान कांस्टेबल वीपी सिंह ने देखा कि एक नाबालिग जोड़ा रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या-1 पर बैठा है। पूछताछ करने पर दोनों ने बताया कि वे ओड़िशा के रंगाधिपा स्थित सुंदरगढ़ के रहने वाले हैं। वे अपने परिजनों को बिना बताए भागे हैं। आरपीएफ ने उनके परिवार को सूचित किया। उनके माता-पिता रांची पहुंचे। दोनों नाबालिगों को दस्तावेजों के उचित सत्यापन के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया l
नाबालिग जोड़े हो सकते हैं अनहोनी के शिकारगौरतलब है कि अक्सर रेलवे स्टेशनों और बस स्टेशनों पर रेलवे पुलिस फोर्स के जवानों अथवा मेरी सहेली टीम द्वारा वैसे नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया जाता है जो बहकावे में आकर अपने परिजनों को सूचना दिए बगैर घरों से भाग जाते हैं। ऐसे बच्चों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वे मानव तस्करों के चंगुल में फंस सकते हैं। उनको बंधुआ मजदूरी के लिए विवश किया जा सकता है। अलग-अलग तरीके से परेशान किया जा सकता है l