NEWSPR DESK– 14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे हर एक वो नाम याद आते हैं जो अपने कैरियर में स्ट्रगल करके एक मुकाम हासिल किए हैं उनकी लव स्टोरी भी अजब प्रेम की गजब कहानी की तरह है. आपको हम बताने जा रहे हैं कि पल्वी राज कंस्ट्रक्शन के सीएमडी संजीव श्रीवास्तव की भी प्रेम कहानी छपरा से चालू हुई और फिल्मी अंदाज में उनकी प्रेम कहानी है.
तो चलिए संजीव श्रीवास्तव की प्रेम कहानी की बात करते हैं मुश्किल दौर था जब संजीव श्रीवास्तव और उनकी पत्नी उन दिनों छपरा में रहा करती थी संजीव श्रीवास्तव की पत्नी पूजा श्रीवास्तव एक क्लब की सेक्रेटरी थी और संजीव श्रीवास्तव उस क्लब के मेंबर थे संजीव श्रीवास्तव और पूजा श्रीवास्तव की प्रेम कहानी उसी क्लब से चालू हुई.
संजीव श्रीवास्तव जी पूजा श्रीवास्तव को देखते ही दिल दे बैठे लेकिन क्लब के मेंबर और एक क्लब की सेक्रेटरी रही पूजा श्रीवास्तव मासूम चेहरा और हंसमुख पूजा श्रीवास्तव पर दिल दे बैठे करीब प्यार का नशा चढ़ता गया और प्यार में इंतजार बढ़ता गया करीब 6 साल दोनों को शादी करने में इंतजार करना पड़ा.
एक दिन अचानक तबीयत बिगड़ी…
पूजा श्रीवास्तव का एक दिन अचानक तबीयत बिगड़ गई और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया क्लब का कोई भी मेंबर मिलने नहीं गया और वह ठीक होकर उस दिन बाद क्लब पहुंचे और मीटिंग चल रही थी मीटिंग में कई मेंबर मौजूद थे और संजीव श्रीवास्तव थोड़ा लेट पहुंचे अपने अंदाज में मुंह में कुछ खाए हुए थे उसी पर पूजा श्रीवास्तव गुस्सा हो गई और संजीव श्रीवास्तव को बाहर का रास्ता दिखा दिया संजीव श्रीवास्तव भी उन्हें देखते हुए और मुस्कुराते हुए बाहर चले गए.
क्लब के प्रेजिडेंट से शिकायत…
क्लब की प्रेसिडेंट होने के नाते एक सेक्रेटरी का फर्ज था कि किसी भी गलती को न दोहराया जाए जिसको लेकर प्रेसिडेंट हर दिन बात सुनती थी और संजीव श्रीवास्तव के प्रेसिडेंट से अच्छी दोस्ती थी और पूजा श्रीवास्तव की शिकायत वह प्रेसिडेंट से ही करते थे और संजीव श्रीवास्तव को यह पता नहीं था कि वह प्रेसिडेंट कोई और नहीं क्लब के सेक्रेटरी यानी पूजा श्रीवास्तव की छोटी बहन थी जब संजीव श्रीवास्तव को यह पता चला कि वह उनकी छोटी बहन है तो फिर क्या सोचना था समझ जाइए.
गुस्सा था या प्यार…
आपको बता दें कि वह गुस्सा प्यार था क्योंकि पूजा श्रीवास्तव को मिलने संजीव श्रीवास्तव नहीं पहुंचे थे हॉस्पिटल में इसी कारण से पूजा श्रीवास्तव नाराज थी और मीटिंग के दौरान सारा गुस्सा निकाल दी और यह भी कारण बताया जा रहा है कि जब संजीव श्रीवास्तव ने पूजा श्रीवास्तव को प्रपोज किया था उसी दरमियान उनकी प्रेम कहानी शुरू हो गए
घर वालों ने बाहर निकलने नहीं दिया..
आपको बता दें कि जब पूजा श्रीवास्तव के परिवार को पता चला कि पूजा श्रीवास्तव किसी संजीव श्रीवास्तव नामक युवक से प्रेम करती हैं तो उनके घर वालों ने उनका मोबाइल छीन लिये और घर से बाहर निकलने से मना कर दिया जब संजीव श्रीवास्तव को पता चला तो फिर क्या सोचना था फिल्मी अंदाज में संजीव श्रीवास्तव अपने पूजा के पास चल दिये और उनके घर वालों से बात की और कहे कि मैं पूजा से बहुत प्यार करता हूं.
मुझे शादी करना है तो उनके पिता ने कहा कि मुझे नौकरी वाला लड़का चाहिए तो संजीव श्रीवास्तव ने कहा मैं बिजनेस में मुकाम हासिल करना चाहता हूं और पूजा को खुश रखूंगा किसी चीज का कमी महसूस नहीं होने दूंगा इस पर पूजा जी के पिताजी कुछ नरम हुए और कैसे देखते हैं इसी बात पर संजीव श्रीवास्तव ने भी अपने घर में बात की और किसी तरह से घरवालों को मनाने का प्रयास किया.
राजी होने के बाद आसान नहीं था शादी…
जी हां दोनों परिवार के राजी होने के बाद साथ देने वाला कोई नहीं था लेकिन दोनों के सच्चे प्यार ने दोनों को मिलवा दिया लव मैरिज को अरेंज मैरिज में बदला गया और सबसे बड़ा हाथ पूजा श्रीवास्तव के ननंद और संजीव श्रीवास्तव की छोटी बहन पूजा जी का अहम किरदार रहा छोटी बहन चाहती थी कि दोनों का शादी हो जाए इंगेजमेंट हुआ उसके बाद संजीव श्रीवास्तव जी के छोटी बहन का शादी होना था जिसके लिए दोनों को इंतजार करना पड़ा.
शादी होने के बाद का सफर…
जब दोनों परिवार के रजामंदी से पूजा श्रीवास्तव संजीव श्रीवास्तव एक दूजे के बंधन में बंध गए तो रास्ता इतना आसान नहीं था प्रेम को तो हासिल संजीव श्रीवास्तव कर ली है लेकिन उनका जुनून कम नहीं होना था उन्होंने पूजा श्रीवास्तव के पिताजी से वादा किया था कि मैं एक अच्छा बिजनेसमैन बनकर दिखाऊंगा उस वादे को याद करते हुए संजीव श्रीवास्तव जी का कैरियर भी शुरू हो गया.
सफर में कई उतार-चढ़ाव भी मिले..
संजीव श्रीवास्तव जी छपरा से सुबह 5:00 बजे अपने घर से निकलते थे और पटना पहुंचते थे हर दिन का यही कहानी था परिवार को समय नहीं दे पा रहे थे लेकिन उनका जुनून क्यों कम हो अपनी धर्मपत्नी को समझाते हुए संजीव श्रीवास्तव जी ने कहा कि मैं एक अच्छा बिजनेसमैन बनकर दिखाऊंगा और संजीव श्रीवास्तव जी की कहानी शुरू हो गई संजीव श्रीवास्तव आखिर हार क्यों माने उन्होंने छपरा से पटना मोटरसाइकिल से काम करना शुरू कर दिया रात कब घर पहुंचते थे पता भी नहीं चल पाता था.
किसी को लेकिन उनका जुनून कम नहीं हुआ उन्होंने बड़ी-बड़ी कंपनियों में सीईओ के पोस्ट पर तैनात रहे और खुद का कंपनी का स्थापना किया जिसका नाम पल्वी राज कंस्ट्रक्शन रखा गया और बिहार में पल्वी राज कंस्ट्रक्शन एक मुकाम हासिल किया परिवार में उतार चढ़ाव आते गए लेकिन संजीव श्रीवास्तव कभी भी नहीं डगमगाए नहीं अपने मेहनत और जुनून और धर्म पत्नी का साथ मिलता गया और आज के समय में दोनों खुशी से रह रहे हैं संजीव श्रीवास्तव जी का एक बेटी है जिनका नाम पल है और दोनों एक दूसरे से अभी भी बहुत प्यार करते हैं और एक दूसरे को समझते हैं उनकी नन्ही परी पल भी बहुत अच्छी है.
सुख दुख में साथ देने वाले..
संजीव श्रीवास्तव जी जब पल्वी राज कंस्ट्रक्शन में मुकाम हासिल किया तो कई समस्याओं का सामना करना पड़ा लेकिन उनके करीबियों ने उनका साथ नहीं छोड़ा जिनका नाम भी संजीव श्रीवास्तव गर्व से लेते हैं. उनका नाम अजय कुमार, मोहित कुमार, राज कुमार राजपूत, रवि कुमार, किर्पा शंकर हर मौके पर इनका साथ दिया और अभी तक सभी लोग मिलकर काम कर रहे हैं संजीव श्रीवास्तव अब एक मुकाम को हासिल कर चुके हैं और अपने वादे को भी पूरा कर चुके हैं. वैलेंटाइन डे के मौके पर NEWSPE यही चाहती है कि दोनों हमेशा खुश रहे एक बात और आपको बता दें कि पूजा श्रीवास्तव जी भी NEWSPR की सीईओ है.