केंद्र सरकार सरकार हो या राज्य सरकार बेटियों को लेकर काफी योजना चला रही है । बेटा बेटी एक समान का नारा लगा रही है बावजूद इसके सरकार के द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं पे तब ग्रहण लगता दिख जाता है जब अभी भी समाज में कुछ ऐसे लोग है जो बेटा होने पर तो पार्टी मनाते है पर बेटी होने पर मानो उनके सर एक बोझ आ गया । एक ऐसा ही मामला मुंगेर जिला में प्रकाश में आया है माधोपुर वार्ड नंबर 17 के निवासी स्व० दीपनाराय के पुत्र संजय कुमार जो ITC कम्पनी में ठेकेदार के अंडर मे दैनिक मजदूरी पर कार्य करते है इनकी पत्नी मनीषा को 1दिसम्बर को सदर अस्पताल में नॉर्मल डिलेवरी से छठी संतान भी पुत्री होने से चिढ़ गए और अपनी दूध मुहि बच्ची को आर्थिक तंगी के कारण जिले में बबुआ घाट रोड स्थित बाल कल्याण समिती को सुपुर्द करने के लिए चला गया ।
वहां पहुंच कर CWC के सदस्यों पर इन्होंने पूरा दबाव बनाया कि बाल कल्याण समिती उनकी बच्ची को अपने पास रख ले,उस समय बच्ची का मामा पवन कुमार भी अपने जीजा संजय के साथ था।इस बात कि सूचना CWC के सदस्यों ने अपने नोडल अधिकारी रेखा कुमारी को दी सूचना मिलते ही नोडल अधिकारी रेखा कुमारी ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए दोनों व्यक्ति को अपने कार्यालय बुलाकर उसका काउंसिलिंग कर उसे समझाया बुझाया जिसके बाद वो व्यक्ति अपनी बच्ची को अपने पास रखने के लिए तैयार हुआ जिसके बाद नोडल अधिकारी रेखा कुमारी ने उसे बांधपत्र भरवाया और उसके बाद अपनी सेविका को उस बच्ची कि निगरानी करने का निर्देश दिया जिससे कि उक्त परिवार उस बच्ची का भरण पोषण सही से कर सके।
वहीं इस घटना ने समाज को भी झकझोर कर रख दिया की किस तरह से लोग बेटों की चाहत में बच्चों की संख्या बढ़ा रहे है। जिले की वरिष्ठ पत्रकार और समाज सेवियों ने कहा कि आज के समाज के लोगों को अपनी मानसिकता बदलने की आवश्यकता है । आज बेटियां हर क्षेत्र में अच्छा कर रही है। यहां तक कि बेटियों बेटों के होते हुए भी अपने माता पिता का अंतिम संस्कार तक कर रही है। साथ ही सरकार के द्वारा भी काफी महत्वपूर्ण योजना चलाया जा रहा की कैसे बेटियों को बचाया जा सके पढ़ाया जा सके। पर इन योजनाओं को भी सही ढंग से धरातल पे नहीं उतारा जा सका है जिससे लोगों इन योजनाओं का लाभ ले बेटियों का परवरिश सही ढंग से कर सके ।