NewsPR डेस्क। बिहार चुनाव को लेकर वायदों और संकल्पों के पिटारा सभी प्रमुख पार्टियों ने खोल दिया है। वायदों की बरसात और इरादों के इजहार से मतदाताओं को सराबोर कर सत्ता कब्जाने की कवायदें अब अपने अंजाम की ओर बढ़ चली है। नतीजतन सभी दलों ने अपना सर्वस्व झोंक दिया है। इसी बीच सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने आज (24 अक्टूबर) अपना अलग चुनावी घोषणा पत्र जारी किया। इसमें भी 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया है।इसे टॉप प्रायोरिटी में रखा गया है।
घोषणा पत्र में किए गए वादों का उल्लेख करते हुए पार्टी के नेता तेजश्वी यादव ने कहा कि नौकरी देने के नाम पर भाजपा लोगों को बेवकूफ बना रही है। उन्होंने कहा कि उनका वादा असली है। वो चाहते तो वो भी एनडीए की तरह झूठा 50 लाख नौकरियों का वादा कर सकते थे लेकिन ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा हम जो कहते हैं, कर के दिखाते हैं। तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने वही वादा किया है जो असलियत में विभागों में पद खाली हैं।तेजस्वी ने कहा कि हमारे घोषणा पत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, ग्रामोत्थान, सरकारी नौकरियों में सुधार, सांस्कृतिक उन्नयन, जलवायु परिवर्तन के लिए संकल्प आदि शामिल किए गए हैं।
तेजश्वी ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग 10 लाख नौकरी के वादे पर उनकी आलोचना कर रहे थे, उन्हें भी अब समझ में आ गया है। तेजस्वी ने कहा कि मौजूदा समय में साढ़े चार लाख पद शिक्षा विभाग में खाली पड़े हैं। इनके अलावा चिकित्सा और पुलिस विभाग में भी पद खाली हैं।
क्या हवा तेजश्वी के पक्ष में बहने लगी है?
तेजश्वी ने कहा कि वो भाजपा की तरह कचड़ा साफ करने और पकौड़ा तलने वाला रोजगार की बात नहीं कर रहे बल्कि सरकारी नौकरी देने की बात कर रहे हैं। तेजश्वी ने पूछा कि भाजपा बताए कि उनका मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन है? नीतीश जी ने तो पहले ही 10 लाख नौकरियों पर हाथ खड़े कर दिया,अब भाजपा कैसे 19 लाख नौकरियां देगी? उन्होंने कहा कि लोगों को धोखा न दे बीजेपी। तेजस्वी ने कहा कि उनकी सरकार संविदाकर्मियों का मानदेय दोगुना करेगी।
इस मौके पर पार्टी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनी तो शिक्षा का बजट बढ़ाकर 22 फीसदी कर देंगे। उन्होंने कहा कि गांव और शहरों के बीच सुविधाओं का फर्क खत्म किया जाएगा। झा ने कम्प्यूटर शिक्षा को बढ़ावा देने और संविदा पर नौकरी नहीं करने का भी वादा किया है।