NEWSPR डेस्क। गर्भावस्था के नौ महीनों में शिशु को मां के आहार से ही पोषण मिलता है। जब बच्चे का जन्म हो जाता है तो शुरुआत के कुछ महीनों तक बच्चे को मां के दूध से पोषण प्राप्त होता है। शुरुआती कुछ महीनों तक शिशु के लिए पोषण का एकमात्र जरिया ब्रेस्ट मिल्क ही होता है। लेकिन कुछ महिलाओं की ब्रेस्ट में इतना दूध नहीं बन पाता है कि शिशु का पेट भर सके और इसका सीधा असर बच्चे की सेहत और विकास पर पड़ता है। इसलिए नई मांओं के लिए ब्रेस्ट में पर्याप्त दूध आना बहुत जरूरी होता है। कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से ब्रेस्ट में दूध के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।
100 ग्राम मखाने लें और उन्हें कढ़ाई में रोस्ट कर लें। रोस्ट किए गए मखानों को मिक्सर में डालकर पीस लें और इसका पाउडर तैयार कर लें। रातभर भीगे हुए 4 बादाम और दो अखरोट लें। अखरोट और बादाम को कूट लें। दो खजूर लें और उसे काटकर उसमें से बीज निकाल लें। अब एक पैन लें और उसमें दो गिलास दूध डालें। इसमें कूटे हुए बादाम और अखरोट डाल दें। फिर इसमें खजूर और दो चम्मच मखाने का पाउडर भी डालें। इसे दो मिनट तक उबालें और हल्की ठंडी होने दें। अब ये ड्रिंक पीने के लिए तैयार है।
मखाने में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है और यह दूश बढ़ाने का भी काम करता है। वहीं बादाम को दूध पिलाने वाली मांओं के लिए सुपरफूड माना जाता है। बादाम में पॉलीअनसैचुरेटिड फैट उच्च मात्रा में होता है और इसके साथ ही बादाम में विटामिन ई और ओमेगा 3 फैटी एसिड भी होते हैं। इस तरह बादाम और मखाने ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को ताकत देते हैं।
शरीर को एनर्जी के लिए कार्बोहाइड्रेट चाहिए होता है और ब्रेस्टमिल्क बनाने के लिए ज्यादा एनर्जी लगती है। ब्रेस्टमिल्क बनाने के लिए शरीर को 500 कैलोरी ज्यादा की जरूरत होती है। एक कप खजूर से ब्रेस्टफीडिंग के लिए जरूरी कैलोरी मिल जाती है। खजूर में पोटैशियम, मैग्नीशियम, कॉपर, मैंगनीज, आयरन और विटामिन बी6 भरपूर मात्रा में होता है। ये सभी विटामिन शरीर को ठीक तरह से कार्य करने में मदद करते हैं। खजूर खाने से शरीर को प्रोलैक्टिन बनाने में मदद मिलती है। प्रोलैक्टिन हार्मोन शरीर को ज्यादा दूध बनाने का संकेत देता है। खजूर प्रोलैक्टिन के उत्पादन को सक्रिय करता है।