भूल जाना मैं आपकी बेटी हूं… आफताब के इश्क में दीवानी श्रद्धा ने उस दिन पिता की बात मान ली होती तो जिंदा होती

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। नई दिल्ली श्रद्धा मर्डर केस में पुलिस ने जांच तेज कर दी है। धीरे-धीरे कई हैरान कर देने वाले खुलासे हो रहे हैं। श्रद्धा के कत्ल के बाद भी आफताब पूनावाला डेटिंग एप पर सक्रिय था। पुलिस की जांच में पता चला है कि जब फ्रिज में श्रद्धा के शव के टुकड़े रखे थे, शायद उस दौरान कोई और महिला दोस्त उसके किराए के फ्लैट पर आई थी। आशंका जताई जा रही है कि उसने फ्रिज के अलावा कुछ और जगहों पर बॉडी पार्ट्स छिपाए थे।

इस बीच, श्रद्धा के पिता विकास मदान ने बताया है कि कैसे वह आफताब से मिलने के बाद बदल गई थी। उन्होंने काफी समझाने की कोशिश की थी कि हमारे धर्म में ऐसा नहीं करते हैं, लेकिन उस पर कोई असर नहीं हुआ। पिता ने एफआईआर में बताया है कि जब हमने इस रिलेशनशिप का विरोध किया तो श्रद्धा यह कहकर घर से चली गई थी कि भूल जाना कि मैं आपकी बेटी हूं। पिता को अब अफसोस हो रहा है कि काश, श्रद्धा ने उनकी बात मान ली होती तो वह आज जिंदा होती।

पिता ने बताया कि बेटी मुंबई के एक कॉल सेंटर में काम करने लगी थी, जहां उसकी मुलाकात आफताब अमीन से हुई। पिता ने कहा, ‘8-9 महीने के बाद हमें पता चला कि वह आफताब के साथ रिलेशनशिप में है। 2019 में श्रद्धा ने अपनी मां को बताया कि वह आफताब के साथ लिव-इन में रहना चाहती है। हमने विरोध किया क्योंकि हम हिंदू कोली हैं जबकि लड़का मुस्लिम था। हमारे समाज में यह ठीक नहीं माना जाता है।’ तब श्रद्धा ने घरवालों से कहा था कि वह अब 25 साल की हो गई है और अपने जीवन के फैसले खुद ले सकती है।

उसके भी टुकड़े-टुकड़े हों
6 महीने तक आफताब बचता रहा, किसी को भनक तक नहीं लगी। पिता ने कहा कि मिसिंग की बात थी तो उसे बतानी चाहिए थे और इससे शक हुआ। विकास मदान ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, ‘अभी जांच चल रही है, कन्फर्म नहीं है कि अभी उसने जो बताया है वैसा ही हुआ है। अगर वैसा हुआ है तो उसे फांसी ही होनी चाहिए। अगर उसने टुकड़े-टुकड़े किए हैं तो उसके (आफताब) भी टुकड़े-टुकड़े कीजिए।’

पिता विकास मदान ने बताया कि आखिरी बार बेटी से बातचीत 2021 में हुई थी। उन्हें तारीख और महीना याद नहीं है। श्रद्धा के पिता ने बताया कि उसे बहुत समझाया था। जब इस लड़के से मुलाकात हुई तब श्रद्धा का व्यवहार बदल गया। उसके पहले तो वह बिल्कुल नॉर्मल रहती थी, कोई फैशन नहीं करती थी। उसकी पहली नौकरी थी और उसकी मुलाकात इस लड़के से हुई तब उसका लाइफस्टाइल बदल गया।

पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए। इसके बाद इन टुकड़ों को छतरपुर एन्क्लेव इलाके के जंगलों, यहां श्मशान घाट के पास नाले के पास दो जगह, एमबी रोड के पास 100 फुटा रोड और धान मिल कंपाउड के पीछे टुकड़े फेंके। शव के टुकड़ों को फेंकने के लिए इसने 15 दिन से अधिक का समय लिया। शाम और देर रात में जब इसे सही मौका मिलता था, यह बैग में शव के टुकड़ों को भरकर ठिकाने लगाने निकल जाता था।

पुलिस पूछताछ में आरोपी आफताब आलम ने ने बताया कि वह दोनों मुंबई से पहले मार्च-अप्रैल महीने में हिल स्टेशन घूमने गए थे। फिर अप्रैल के अंतिम दिनों में वह यहां महरौली इलाके में आए। जहां मई के पहले सप्ताह में उन्होंने छतरपुर पहाड़ी की गली नंबर-1 में एक कमरे का फ्लैट किराए पर लिया। यहां 18 मई की रात को उसने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को आरी से काटकर धीरे-धीरे उसे ठिकाने लगा दिया।

आफताब ने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े करने के लिए बाजार से एक आरी खरीदी थी। शव के टुकड़ों को पैक करने के लिए पॉलिथीन भी खरीदकर लाया। बदबू ना आए, इसके लिए इसने 300 लीटर वाला फ्रिज भी खरीदा। जिसमें पॉलिथीन में पैक शव के तमाम टुकड़ों को रख दिया। बदबू को रोकने के लिए घर में अगरबत्ती और परफ्यूम भी छिड़कने लगा।

पुलिस ने 12 नवंबर को आफताब को गिरफ्तार किया। इस दौरान वह गुरुग्राम में जॉब करता रहा। किसी को इसके उपर शक नहीं हुआ। यह किसी से अधिक बोलता भी नहीं था। फ्लैट 9 हजार रुपये महीने के किराए पर लिया गया था। जिसका समय से यह किराया दे देता था। पुलिस ने इसे इसके मोबाइल फोन की लोकेशन और अन्य तकनीकी मदद से पकड़ा। पुलिस का कहना है कि इसे अपने किए पर कोई अधिक पछतावा नहीं है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इससे पहले भी किसी और की भी हत्या या अन्य कोई अपराध तो नहीं किया।

पुलिस का कहना है कि वह आरोपी का नार्को टेस्ट कराएगी। इसके लिए कोर्ट से इजाजत मांगी जा रही है। अब तक श्रद्धा के शव की 15 हड्डियां बरामद हुई हैं। लेकिन यह सब सुनिश्चित करने के लिए शव के मिले टुकड़ों का भी डीएनए टेस्ट कराया जाएगा, ताकि इस बात का मिलान किया जा सके कि बरामद हड्डियां और शव का अन्य हिस्सा श्रद्धा के शव का ही है या फिर किसी और का।

पुलिस तफ्तीश में पता लगा है कि दोनों पहले मुंबई के एक कॉल सेंटर में काम करते थे। दिल्ली आने पर आफताब गुरुग्राम के एक कॉल सेंटर में काम करने लगा। श्रद्धा भी अपने लिए जॉब ढूंढ रही थी। पुलिस का कहना है कि आफताब श्रद्धा से शादी करने की बात कहता था, लेकिन दोनों को अभी शादी करनी थी, इस बात को लेकर फिलहाल आफताब ने कुछ नहीं कहा है। उसने पुलिस को बताया है कि हत्या की मुख्य वजह दोनों का एक-दूसरे पर शक करना रहा। जिसके चलते आए दिन दोनों के बीच झगड़ा हो जाता था।

दोनों कई बार एक-दूसरे का मोबाइल भी चेक करते थे। बाहर जाने पर लोकेशन भी मंगाकर यह देखते थे। शव को काटते वक्त आफताब तेज आवाज में म्यूजिक बजाता था। शव काटने के बाद उसने पूरा फर्श धो दिया। पड़ोसियों का कहना है कि उन्होंने बस एक बार इसके साथ लड़की को देखा था, फिर नहीं देखा। उन्होंने सोचा कि कोई दोस्त होगी। 18 मई के बाद से उन्होंने लड़की को नहीं देखा।

श्रद्धा के पिता विकास मदन ने बताया कि वह अपनी मां के साथ पालघर महाराष्ट्र में रहते हैं। वह इलेक्ट्रॉनिक्स आइटमों की सेल एंड सर्विस का काम करते हैं। उनकी पत्नी सुमन मदन की मृत्यु 23 जनवरी 2020 में हो गई थी। इसके बाद से ही वह अपने बच्चों से अलग अपनी मां के साथ रह रहे हैं। परिवार में 27 साल की बेटी श्रद्धा के अलावा 23 साल का बेटा है। उन्होंने बताया कि 2018 में श्रद्धा ने मुंबई के एक कॉल सेंटर में जॉब करना शुरू किया था। वहां आफताब भी काम करता था। 8-9 महीने बाद पता लगा कि श्रद्धा और आफताब रिलेशन में हैं।

उन्होंने बेटी से दूसरे धर्म में शादी करने को लेकर विरोध किया था, लेकिन उनकी बेटी नहीं मानी थी। वह घर से यह कहकर आफताब के साथ रहने लगी कि मैं आज से आपकी बेटी नहीं। श्रद्धा के दोस्तों से परिजनों को पता लगा कि पहले यह दोनों नया गांव और फिर वसाई महाराष्ट्र में रहते थे। बीच-बीच में श्रद्धा अपने परिवार से बात करती थी। उसने बताया था कि आफताब उससे मारता-पीटता है। इससे परेशान होकर वह घर आ भी गई थी। लेकिन आफताब के माफी मांगने पर वह फिर उसके साथ चली गई। फिर उनकी श्रद्धा से कई महीनों तक बात नहीं हुई।

विकास ने आगे बताया कि श्रद्धा के दोस्त ने बताया था कि वह आफताब से ब्रेकअप करना चाहती थी। मां की मौत होना और श्रद्धा का पिता से बात न करना क्या इस कारण से आफताब ने फायदा उठाया? पिता ने इस सवाल पर कहा कि मैंने काफी कोशिश की थी लेकिन मुझे पता चला था कि बेटी का दिमाग पूरी तरह से बदल गया था। श्रद्धा की मां की मौत होने पर आफताब घर भी गया था लेकिन तब पिता उससे ज्यादा बात नहीं किए थे।

पुलिस पूछताछ में आरोपी आफताब आलम ने ने बताया कि वह दोनों मुंबई से पहले मार्च-अप्रैल महीने में हिल स्टेशन घूमने गए थे। फिर अप्रैल के अंतिम दिनों में वह यहां महरौली इलाके में आए। जहां मई के पहले सप्ताह में उन्होंने छतरपुर पहाड़ी की गली नंबर-1 में एक कमरे का फ्लैट किराए पर लिया। यहां 18 मई की रात को उसने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को आरी से काटकर धीरे-धीरे उसे ठिकाने लगा दिया।

आफताब ने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े करने के लिए बाजार से एक आरी खरीदी थी। शव के टुकड़ों को पैक करने के लिए पॉलिथीन भी खरीदकर लाया। बदबू ना आए, इसके लिए इसने 300 लीटर वाला फ्रिज भी खरीदा। जिसमें पॉलिथीन में पैक शव के तमाम टुकड़ों को रख दिया। बदबू को रोकने के लिए घर में अगरबत्ती और परफ्यूम भी छिड़कने लगा। पुलिस तफ्तीश में पता लगा है कि दोनों पहले मुंबई के एक कॉल सेंटर में काम करते थे। दिल्ली आने पर आफताब गुरुग्राम के एक कॉल सेंटर में काम करने लगा।

श्रद्धा भी अपने लिए जॉब ढूंढ रही थी। पुलिस का कहना है कि आफताब श्रद्धा से शादी करने की बात कहता था, लेकिन दोनों को अभी शादी करनी थी, इस बात को लेकर फिलहाल आफताब ने कुछ नहीं कहा है। उसने पुलिस को बताया है कि हत्या की मुख्य वजह दोनों का एक-दूसरे पर शक करना रहा। जिसके चलते आए दिन दोनों के बीच झगड़ा हो जाता था। दोनों कई बार एक-दूसरे का मोबाइल भी चेक करते थे। बाहर जाने पर लोकेशन भी मंगाकर यह देखते थे।

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