डीएन मौआर
औरंगाबादः जिले के दाउदनगर अनुमंडल में लोगों को नियमित रूप से राशन नहीं मिल पा रहा है। लोगों का आरोप है कि पीडीएस संचालकों के साथ मिलकर अधिकारी खुद राशन में हेराफेरी कर रहे हैं। वहीं राज्य की सरकार में शामिल भाजपा ने भी स्थानिय प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए डीएम से जांच कराने की मांग की है।
गौरतलब है कि कोरोना जैसी महामारी को लेकर जब पूरा बिहार लॉकडाउन से गुजर रहा है। जहाँ केन्द्र सरकार तथा बिहार सरकार लोगो को फ्री राशन देने की घोषणा की है। वहीं दाउदनगर अनुमंडल के सभी 4 प्रखंडो में जनता भूख से कराह रही है। स्थानिय प्रशासन जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों के साथ मिलकर राशन बेचवाने में जुटे हुये हैं। जिसको लेकर आज ग्रामीण में आक्रोश देखा जा रहा है।
गोह पंचायत के सरपंच ने बताया कि आज ग्रामीण भूख से तड़प रहा है और जनवितरण प्रणाली के दुकानदार के खिलाफ अब जनता गोलबन्द होना शुरु हो गई है और सरकार से इसकी उच्च अस्तरीय जांच की मांग कर रही है कि इसकी उच्च अस्तरीय जाँच कराई जाये ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और इसमें संलिप्त अधिकारी तथा कर्मचारी एवम जनवितरण के दुकानदारों पर कड़ी से कड़ी करवाई की जाये।
सरकार कराए जांच
वहीं भाजपा के पूर्ब जिला अध्यक्ष संजय मेहता ने भी जनता के बातों की पुष्टि करते हुए बताया कि दाउदनगर अनुमंडल में हमने चारों प्रखंड के भृमण इस कोरोना काल मे किया है हर जगह यह शिकायत सुनने को मिला है कि जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों के द्वारा बड़े पैमाने पर राशन बाटने में गड़बड़ी किया गया है। लोग आज दाने दाने का मोहताज हैं। ग्रामीणों को न तो कोई रोजगार ही मिल पा रही है जिससे अपने बच्चे को भूख से टपकते आंसू को रोका जा सके। उसने यह भी बताया कि इसको लेकर हमने जिला अधिकारी से भी वार्ता किया है। लेकिन इसके बाद भी अभी तक कोई सुधार देखने को नही मिल रहा है। आज हमने बिहार सरकार को भी पत्र के माध्यम से इसकी जानकारी दिया है तथा इसपर उच्च स्तरीय जाँच का भी हमने मांग किया है।