वन्य जीव संरक्षण के लिए सोमवार को पांच प्रखंडों के मुखिया के साथ डीएफओ चंचल प्रकासम ने बैठक किया। बैठक के दौरान वन्य जीव संरक्षण के लिए मुखियों के साथ परिचर्चा हुआ। बैठक में डीएफओ चंचल प्रकासम ने वन जीव संरक्षण, पेड़ों की कटाई पर रोक , जानवरों को शिकार पर रोक को लेकर कई प्रकार की जानकारी दी गई। इसके अलावा डीएफओ चंचल प्रकासम ने रैयत जमीन में पेड़ों की कटाई के संबंध में मुखिया को बताया गया एवं निर्देश दिया गया।
बैठक में बताया गया कि वन्य जीवों के संरक्षण के लिए लोगों को भी जागरूक किया जाना चाहिए और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए। वन्य जीवों के संरक्षण के लिए समय-समय पर प्रतियोगिताएं आयोजित करनी चाहिए। लोगों को प्रदर्शनी के माध्यम से जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया जाना चाहिए। साथ ही बैठक मवन बताया गया कि पारिस्थितिकी तंत्र एवं जैव विविधता के संरक्षण में वन्य जीवों की मुख्य भूमिका है। इनके संरक्षण के लिए वन्य जीव संरक्षण अधिनियम भी बनाया गया है। इसे सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। वन्य जीवओं की अनेक प्रजातियों में बड़ी तेजी से गिरावट आने लगी है। कुछ प्रजातियों का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। ऐसा न हो कि हम वन्य प्राणियों को देखने को ही तरस जाएं। इसलिए वन्य जीवों के संरक्षण के लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करना होगा। वन्य जीवों के संरक्षण के लिए सबसे पहले वनों की कटाई रोकनी चाहिए। वन्य जीव संरक्षण के लिए टीम बनानी चाहिए। शिकारियों पर अंकुश लगना चाहिए। हमें जानवरों के शरीर से बनी चीजों का बहिष्कार करना चाहिए, जिससे जानवरों का शिकार बंद हो सके।
बैठक में भगवानपुर पंचायत के मुखिया सह मुखिया संघ प्रखंड अध्यक्ष उपेंद्र पांडे, सरैया पंचायत के मुखिया उमेश दुबे उर्फ मंटू, मोकरम पंचायत के मुखिया चट्टान सिंह, पढ़ोती पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मंटू शुक्ला के अलावे चांद, चैनपुर, अधौरा, रामपुर, प्रखंड के सभी पंचायत के मुखिया मौजूद रहे।