गया, बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी मंगलवार की देर रात एकदिवसीय दौरे पर गया पहुंचे। सर्वप्रथम उन्होंने बुधवार की सुबह विष्णुपद मंदिर जाकर पूजा अर्चना की। इस दौरान भाजपा के कई नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे। इस मौके पर पत्रकारों ने पूछा कि राहुल गांधी कह रहे हैं भगवान श्री राम के नाम पर बीजेपी राजनीति कर रही है। इस सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि यह राजनीतिक कहां रहा। भगवान राम का कोई विरोध कर रहा हो, भगवान राम के भव्य मंदिर का उद्घाटन हो और कोई इसका विरोध करता हो तब तो राजनीतिकरण करना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम के बुलावे पर सभी को बुलाया गया। मैं तो पहले से कहता रहा हूं नीतीश जी बिहार के मुख्यमंत्री हैं, वह भगवान राम के वंशज है।
उनको भी जाना चाहिए। प्रभु श्री कृष्ण के वंशज लालू प्रसाद है, इनको भी राम मंदिर के पूजा में शामिल होना चाहिए। क्योंकि हमलोगों को शास्त्र में बताया गया है कि दोनों एक ही है। दो युग में आए। सनातन को बचाने के लिए पूरा सनातनी खड़े हैं। जिनको यह लगता है कि इटली से देश चलेगा। वैसा होने वाला नहीं है। भारत के सनातन परंपरा से चलने वाला देश है। यहां मुग़ल भी आए, लेकिन मुगल मंदिर में लूटपाट और लोगों को तोड़ने का काम किया। फिर भी हम लोगों ने ग्रहण किया। अंग्रेज 200 वर्ष तक भारत को लूटते रहे, तो भी हमने ग्रहण किया। इसलिए सनातन सबको प्यार देता है। आज जो विरोध कर रहे हैं, वह भी मंदिर आएंगे तो उनका भी स्वागत ही होगा।
ममता बनर्जी पर लिया चुटकी
वहीं बंगाल के सीएम ममता बनर्जी द्वारा 22 जनवरी से मां काली मंदिर से अभियान के सवाल पर बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने जमकर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि मां काली पर पूरा आस्था रखते हैं। ममता बनर्जी राम मंदिर के एवज में वहां से यह युद्ध छेड़ना चाहती है, वह अलग बात है। लेकिन मेरा मानना है कि हम सब सनातनी हैं और राम मंदिर का स्वागत करना चाहिए।
केजरीवाल के कथनी और करनी में अंतर
वहीं आप पार्टी द्वारा सुंदर पाढ किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमलोगों को कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए। एक तरफ आप पार्टी राम मंदिर का विरोध करते हैं। दूसरी ओर उनके भक्त हनुमान जी का कथा करते हो। इससे क्या प्रतीत होता है कि केजरीवाल जी के कथनी और करनी में फर्क है। केजरीवाल जी को कथनी और करनी को एक रखना चाहिए। वहीं मायावती द्वारा लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मायावती 2019 में महागठबंधन के साथ थी। उस दौरान महागठबंधन के लोगों ने धोखा दिया था। जिसके कारण आज मायावती ने अकेले लड़ने का घोषणा किया है।