गया जिले के नक्सल प्रभावित इलाके में धड़ल्ले से की जाने वाली खेती पर पुलिस का ट्रैक्टर अब 1200 एकड़ में चलाया जा चुका है। मसलन अफीम की खेती को पुलिस ने नष्ट किया गया है। एसएसपी आशीष भारती का दावा है कि यह काम 45 दिनों में किया गया गया है। अफीम नष्ट करने की मुहिम बीती 3 दिसम्बर को शुरू की गई थी। यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
गौरतलब है कि अफीम की खेती के लिए गया जिले का नक्सल प्रभावित इलाका कुख्यात है। नक्सली अपने दवाब में लेकर इलाके में अफीम की खेती करवाते हैं। इसके अलावा कुछ तस्कर भी नक्सली व गांव वालों से मिलकर अफीम की खेती करवाते हैं। खास बात यह है कि इस नशे की खेती किसी के खुद की जमीन पर नहीं जंगल की जमीन पर की जाती है। यानी सरकारी वन विभाग की जमीन पर । इसकी वजह पुलिस या वन विभाग किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ सीधे तौर पर कार्रवाई नहीं कर पाती है। जब कोई पकड़ा जाता तभी कार्रवाई होती है।
एसएसपी ने बताया कि इस बार अफीम नष्ट किए जाने के अभियान में पुलिस को बेहतर सफलता मिली है। करीब 1200 एकड़ में ट्रैक्टर चलवा कर अफीम के पौधे को नष्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि इस काम में त्रिस्तरीय टीम जुटी है। हालांकि यह काम बड़ा चैलेंजिंग है। काफी इंटीरियर इलाके में यह काम होता है। जहां कई प्रकार की चुनोतियों का सामना की आशंका बनी रहती है। बावजूद इसके इस बार सभी टीम ने अपने स्तर से बेहतर कार्य किया है।