NEWSPR DESK- special story- सियासत का खेल राजनीति की सुख किसे नहीं चाहिए सबको प्यार है इसीलिए तो कहा जाता है की राजनीति में कोई अपना नहीं होता है चलिए बिहार ही की बात करते हैं बिहार की राजनीति में लगातार उठा पटक चल रहा है पाला बदलने की सिलसिला भी चल रही है लेकिन एक तस्वीर जो सामने आई है बिहार की राजनीति में कहीं ना कहीं यह तस्वीर सब कुछ बया कर रही है।
बिहार की राजनीति में कल वह तस्वीर काफी सुर्खियां बटोर रहे थे जब सीएम नीतीश कुमार से मिलने चिराग पासवान पहुंचे थे विजय चौधरी और कई नेता भी मौजूद थे सीएम नीतीश कुमार मुस्कुराते हुए चिराग पासवान को गले लगा लिया या तस्वीर इसलिए वायरल हो रही है क्योंकि एक जमाने में नीतीश पर करियर खत्म करने का आरोप लगाए थे चिराग पासवान कहते हैं उनके साथ कभी नहीं जाएंगे लेकिन यह तस्वीर बिहार के राजनीति के लिए कुछ और ही सारा कर रही है।
सियासत में पराई अपने और अपने पराए हो जाते हैं
चिराग पासवान के पिता रामविलास पान के जाने के बाद चिराग पासवान अकेला पर गए थे यूं तो कहा जाता है कि फिल्मी करियर को त्याग कर चिराग पासवान पापा का आगे का कार्यभार संभालना चाहते थे बिहार की राजनीति में कदम रखना चाहते थे।
जब अपनों ने छोड़ा साथ टूटे चिराग
पिता के जाने के बाद चिराग पासवान को लगातार झटके पर झटका लग रहा था चाचा पशुपति पारस ने भी चिराग पासवान को धोखा दिया पहले तो गाड़ी अपनी और चिराग पासवान को बेदखल कर दिया देखते ही देखते उनके पांच सांसद भी चिराग पासवान का साथ छोड़ दिया भाई भी धोखा दे दिया।
पशुपति पारस के घर के बाहर घंटों खड़े रहे चिराग
एक निजी चैनल से बातचीत करने के दौरान चिराग पासवान ने बड़ा खुलासा किया था उन्होंने कहा था कि मुझे डेंगू हो गया था फिर भी मैं मां के खाने के बाद चाचा पशुपति पारस के पास खुद गाड़ी चलाते हुए गया घंटे उनके घर के बाहर खड़ा रहा लेकिन वह मिलना मुंसिफ नहीं समझे फिर क्या था।
तो फिर लगातार चिराग और पशुपति पारस के बीच दूरियां बनती चली गई आलम या रहा कि कहा जाता है समय बड़ा बलवान होता है चिराग पासवान तो एनडीए के हिस्सा बन गए लेकिन पशुपति पारस का गाड़ी भी चला गया और एनडीए से बाहर भी हो गया यानी यू कहिए जहां थे वही आ गए।