केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में बिहार के एकमात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना के लिए महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने संस्थान में छात्रावास और अन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार की योजना का ऐलान किया। इस विस्तार से आईआईटी पटना में सीटों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे अधिक छात्रों को प्रवेश का अवसर मिलेगा।आईआईटी पटना की सीटें होंगी दोगुनी- निर्मला सीतारमण द्वारा की गई इस घोषणा के तहत, आईआईटी पटना में सीटों की संख्या दोगुनी हो जाएगी।
वर्तमान में यहां कुल 2,883 सीटें उपलब्ध हैं, लेकिन विस्तार के बाद यह संख्या बढ़कर लगभग 5,700 तक पहुंच जाएगी। बिहार के छात्रों के लिए यह एक सकारात्मक खबर है, हालांकि इसका लाभ केवल राज्य तक सीमित नहीं रहेगा, क्योंकि आईआईटी में प्रवेश राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से होता है।आईआईटी पटना: उपलब्ध कोर्स और संरचनासाल 2008 में स्थापित आईआईटी पटना में फिलहाल कुल 2,883 सीटें हैं, जिनमें से 1,797 सीटें अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए हैं, 446 सीटें पोस्टग्रेजुएट कार्यक्रमों के लिए, और 640 सीटें पीएचडी के लिए आवंटित हैं।
संस्थान का कैंपस 501 एकड़ में फैला है, जिसमें दो बॉयज हॉस्टल और एक गर्ल्स हॉस्टल हैं। इसके अलावा, शादीशुदा मास्टर्स और पीएचडी स्कॉलर्स के लिए दो अपार्टमेंट भी उपलब्ध हैं।आईआईटी में प्रवेश प्रक्रियाआईआईटी पटना ही नहीं, बल्कि देशभर के सभी आईआईटी संस्थानों में प्रवेश के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जाती है। प्रवेश मेरिट लिस्ट के आधार पर दिया जाता है, इसलिए सीटों में वृद्धि का लाभ केवल बिहार के छात्रों को नहीं मिलेगा, बल्कि देशभर के छात्रों को भी अतिरिक्त अवसर मिलेंगे। हालांकि, अधिक सीटों के कारण पटना स्थित इस संस्थान में पढ़ने की संभावनाएं अब ज्यादा छात्रों के लिए खुल जाएंगी।आईआईटी पटना की रैंकिंगआईआईटी पटना विभिन्न इंजीनियरिंग विषयों, जैसे कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक कार्यक्रम प्रदान करता है। 2024 की एनआईआरएफ़