बिहार में रेल नेटवर्क को विस्तार देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। भागलपुर जिले के कहलगांव स्थित बटेश्वर स्थान से नवगछिया के कटरिया के बीच गंगा नदी पर प्रस्तावित विक्रमशिला-कटरिया रेल पुल के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस परियोजना की जिम्मेदारी भारतीय रेल मंत्रालय ने इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (IRCON) को सौंपी है।
🚆 तीन वर्षों में तैयार होगा पुल
रेल मंत्रालय के अनुसार, पुल का निर्माण तीन वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महत्वाकांक्षी रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास कर सकते हैं। पुल की कुल अनुमानित लागत 1153 करोड़ रुपये है और यह चार किलोमीटर लंबा होगा।
🛤️ बिहार-झारखंड के बीच रेल कनेक्टिविटी को मिलेगा नया आयाम
यह पुल न केवल बटेश्वर स्थान और कटरिया को जोड़ने का कार्य करेगा, बल्कि इससे विक्रमशिला से नवगछिया तक नई रेल लाइन का निर्माण भी प्रस्तावित है। यह पूरी रेल परियोजना 2178.38 करोड़ रुपये की लागत से 26.2 किलोमीटर लंबी नई लाइन के रूप में विकसित की जाएगी।
इस रेल लाइन का एक सिरा विक्रमशिला (कहलगांव) से शुरू होकर, दूसरा सिरा कटरिया (नवगछिया) में समाप्त होगा। इस लाइन के जरिए देवघर, दुमका और गोड्डा जैसे झारखंड के शहरों से सीधा रेल संपर्क संभव होगा।
🙏 धार्मिक स्थलों तक पहुंचना होगा आसान
इस पुल के निर्माण के बाद बिहार के सीमांचल क्षेत्र — जैसे पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज के लोग — अब बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर) और बाबा बटेश्वर स्थान (कहलगांव) तक पहले से कहीं अधिक आसानी से पहुंच सकेंगे। इसके साथ ही पटना-हावड़ा, भागलपुर-साहिबगंज और देवघर-दुमका रेल मार्गों से जुड़ते हुए पांच नए बाईपास सड़क मार्ग भी तैयार किए जाएंगे।
🗣️ सांसद निशिकांत दुबे ने जताई खुशी
गोड्डा के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने टेंडर प्रक्रिया पूरी होने पर खुशी जाहिर की और कहा, “यह पुल मेरे लिए एक सपना था, जो अब पूरा होने जा रहा है। मेरे गांव भवानीपुर से गुजरने वाली यह रेल लाइन अब सीधे देवघर से जुड़ सकेगी।” उन्होंने बताया कि पीरपैंती से गोड्डा तक रेलवे प्रोजेक्ट पर काम पहले ही शुरू हो चुका है।
📑 अब होगी एग्रीमेंट प्रक्रिया, जल्द शुरू होगा काम
टेंडर मिलने के बाद अब एग्रीमेंट साइन और वर्क ऑर्डर जारी करने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू होगी। उसके बाद निर्माण कार्य को हरी झंडी दी जाएगी। इस परियोजना से बिहार और झारखंड के बीच रेल आवागमन को नया बल मिलेगा और क्षेत्रीय विकास में भी तेजी आएगी।