बिहार सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक और अहम कदम उठाया है। राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति तथा उनके सेवा नियमों को लेकर शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट द्वारा स्वीकृत “बिहार राज्य विद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष संवर्ग नियमावली, 2025” के तहत अब इन पदों पर बहाली की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित हो सकेगी।
नई नियमावली के अनुसार, पुस्तकालयाध्यक्षों की सीधी नियुक्ति अब बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से की जाएगी। यह प्रावधान माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, उत्क्रमित और नवस्थापित विद्यालयों में लागू होगा।
इसके अतिरिक्त, इस नियमावली में सेवा शर्तों, स्थानांतरण नीति, अनुशासनात्मक कार्रवाई और अन्य प्रशासनिक पहलुओं को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए गए हैं।
LN मिश्रा के नेतृत्व में तैयार की गई इस पहल का उद्देश्य न सिर्फ शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाना है, बल्कि स्कूलों में संसाधनों की उपलब्धता और प्रबंधन को भी दुरुस्त करना है।
गौरतलब है कि इस नियमावली में अनुकंपा आधारित नियुक्ति का भी प्रावधान रखा गया है। यदि किसी शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उनके पात्र आश्रितों को नियमानुसार नौकरी देने का रास्ता खुला रहेगा।
शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि इस नई व्यवस्था से राज्य के छात्रों को पुस्तकालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का बेहतर लाभ मिलेगा और विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था अधिक प्रभावी होगी।