बिहार में गंगा नदी का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है। पटना से लेकर बक्सर, दीघा, दानापुर और भागलपुर तक गंगा का पानी खतरे के निशान को पार करने की ओर बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया है। दियारा और नदी किनारे बसे गांवों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया गंगा का निरीक्षण
शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने जेपी गंगा पथ से गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का मुआयना किया और आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने और संभावित खतरे से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्रमुख घाटों पर गंगा का जलस्तर खतरे के बेहद करीब
राजधानी पटना के गांधी घाट, दीघा घाट, दानापुर और मनेर जैसे प्रमुख घाटों पर गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।
- गांधी घाट: 49.01 मीटर (खतरे का निशान 48.60 मीटर)
- दीघा घाट: 50.33 मीटर (खतरनाक स्तर 50.45 मीटर)
- हाथीदह: 41.93 मीटर (खतरे का निशान 41.76 मीटर)
पिछले 24 घंटों में गांधी घाट पर जलस्तर में 0.18 मीटर, दीघा घाट पर 0.25 मीटर और हाथीदह में 0.33 मीटर की वृद्धि दर्ज की गई है।
राहत और बचाव के पुख्ता इंतजाम
पटना जिले में प्रशासन ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए पहले से ही 119 ऐसे स्थान चिह्नित कर लिए हैं, जो ऊंचाई पर स्थित हैं और जहां जरूरत पड़ने पर राहत शिविर, सामुदायिक रसोई व आपदा राहत सेवाएं चलाई जाएंगी। बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए 245 नाविकों की टीम तैयार रखी गई है। साथ ही गोताखोर और नावें भी तैयार रखी गई हैं।
- एसडीआरएफ की दो टीमें पहले से मौजूद हैं
- एनडीआरएफ की एक टीम दीदारगंज में स्टैंडबाय मोड में है
24 घंटे निगरानी में जिला आपदा नियंत्रण केंद्र
पटना जिला प्रशासन ने गंगा के जलस्तर पर नजर रखने और आपदा की स्थिति में तत्काल कार्रवाई के लिए जिला आपदा नियंत्रण केंद्र को चौबीसों घंटे सक्रिय रखा है। नियंत्रण कक्ष का हेल्पलाइन नंबर 0612-2210118 जारी किया गया है।
साथ ही सभी अनुमंडल अधिकारियों, अंचल अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को अपने क्षेत्रों में सतर्क रहने और लगातार निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।