फार्मेसी डिप्लोमा परीक्षा विवाद: पटना हाईकोर्ट ने बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से मांगा जवाब

Jyoti Sinha

पटना हाईकोर्ट ने फार्मेसी डिप्लोमा पाठ्यक्रम की परीक्षा को लेकर बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को हलफनामा दायर कर जवाब देने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा ने गौतम इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिक्स समेत अन्य संस्थानों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता राजू गिरी ने अदालत से अपील की कि सत्र 2022-24 के डी. फार्मा प्रथम वर्ष के छात्रों को राज्य सरकार की अनुमति से परीक्षा में शामिल होने की इजाजत दी जाए।

वहीं, सरकार की ओर से उपस्थित अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने अदालत को बताया कि बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2021 और स्वास्थ्य विभाग की फरवरी 2023 की अधिसूचना के अनुसार, राज्य में स्वास्थ्य विज्ञान से जुड़े सभी स्ववित्तपोषित संस्थान अब बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से ही संबद्ध माने जाएंगे।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पैरा मेडिकल, पैरा डेंटल, फार्मेसी डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स और GNM/ANM जैसे सभी पाठ्यक्रमों की संबद्धता और परीक्षा आयोजन की जिम्मेदारी अब विश्वविद्यालय के अधीन है।

अदालत ने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि वह इस मामले में अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए शपथ-पत्र (हलफनामा) दायर करे। अब अगली सुनवाई में यह देखा जाएगा कि परीक्षा में छात्रों को शामिल होने की इजाजत दी जाएगी या नहीं।

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