युद्धस्तर पर नहरों के अंतिम छोर तक सिंचाई का पानी पहुंचाने में जुटा विभाग– राज्य में कई स्थानों पर 30 प्रतिशत से कम हुई वर्षा

Jyoti Sinha

पटना, 02 अगस्त- बिहार के कई इलाकों में औसतन 30 फीसदी से कम बारिश दर्ज की गई है। इसके मद्देनजर जल संसाधन विभाग ने किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। राज्य के किसानों को सशक्त एवं संतुलित सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में जल संसाधन विभाग ने शनिवार को राज्यभर में सभी कार्यपालक अभियंताओं को अपने-अपने क्षेत्रीय कार्यालयों में सैकड़ों किसानों के साथ सीधा संवाद स्थापित कर फीडबैक लेने का टास्क सौंपा। साथ ही विभाग ने अपने कमांड क्षेत्र की नहर प्रणालियों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की मुहिम भी शुरू कर दी। विभाग किसानों से प्राप्त सुझावों एवं समस्याओं का विश्लेषण करके भविष्य की कार्ययोजनाओं को अधिक प्रभावी एवं किसान-हितैषी बनाने के प्रयासों में जुट चुका है।

गया, रोहतास, पटना,औरंगाबाद, कैमूर समेत दक्षिण बिहार के जिन अन्य जिलों में नहर प्रणाली अच्छी है, वहां के नहरों में जल्द पर्याप्त मात्रा में पानी मुहैया कराने का आदेश संबंधित अभियंताओं को विभाग ने दिया है। किसानों को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया गया है। इस मामले में विभागीय प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने बताया कि इस साल 01 जून से 30 जुलाई के बीच 489 एमएम सामान्य वर्षा के विरुद्ध राज्य में 343 एमएम वर्षा हुई है। जो सामान्य वर्षा से 30 प्रतिशत कम है। इसके कारण किसानों को नहरों से पर्याप्त मात्रा में सिंचाई का पानी कैसे उपलब्ध कराया जाए, इसके लिए राज्यभर के किसानों के साथ शनिवार को बैठक कर उनसे फीडबैक लिया गया है। ताकि सोन, गंडक, कोशी, कमला, फल्गु, चांदन और किउल नदियों का पानी नहरों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने बताया कि राज्य में 30 प्रतिशत वर्षा की कमी को देखते हुए सभी कार्यपालक अभियंताओं को निर्देशित किया गया है कि वे अपने कमांड क्षेत्र के विभिन्न नहर प्रणालियों में अंतिम छोर तक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। कार्यपालक अभियंताओं और किसानों की इस बैठक में किसानों के मोबाईल नंबर भी लिये गए हैं, ताकि मुख्यालय के स्तर से सिंचाई की समस्या का समाधान किया जा सके।

इस कार्यक्रम के दौरान किसानों ने अपनी स्थानीय सिंचाई समस्याएं, जल वितरण की स्थिति और जरूरतों को सीधे अभियंताओं के समक्ष रखा है। श्री मल्ल ने कहा कि नहर संचालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नहरों के अंतिम छोर तक जल आपूर्ति सुनिश्चित करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कार्यपालक अभियंताओं और किसानों की इस बैठक में नहरों में गाद जमा होने, पेड़-पौधे या स्ट्रक्चर की समस्याओं के सम्बंध में भी फीडबैक लिए गए हैं। ताकि नहरों के अंतिम छोर तक सिंचाई का पानी पहुंचाया जा सके। कार्यपालक अभियंता सिंचाई प्रमंडल, बिहारशरीफ प्रमंडल के अन्तर्गत सिंचाई हेतु विभिन्न नहर प्रणालियों में अंतिम छोर तक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किसानों के साथ बैठक के दौरान किसानों के द्वारा बताया गया कि ज्यादातर नहरों में अंतिम छोर तक पानी पहुंच रही है। इसके लिए उन्होंने विभाग का धन्यवाद किया और समस्या में मुख्य रूप से नहरों में संरचनाओं की मांग की। कुछ नहरों में गाद एवं जंगल के कारण हो रही समस्या से संबंधित जानकारी उन्होंने विभाग को दी है। समस्याओं के समाधान के लिए विभाग द्वारा किसानों को आश्वस्त किया गया है। सभी जिलों के किसानों की बैठक आयोजित कर उनका फीडबैक लिया गया। साथ ही सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मुहैया कराने का आश्वासन दिया गया। ‎

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