पटना के मंदिरों में जन्माष्टमी की धूम, भक्ति और सजावट का अद्भुत नजारा

Jyoti Sinha

जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण की लीला और भक्ति का प्रतीक है, जिसे पटना में हर साल बड़े उत्साह और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर शहर के कई मंदिर रंगीन रोशनी, फूलों की सजावट और सुंदर झांकियों से सजे रहते हैं। भक्त यहां पूजा-अर्चना के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भजन-कीर्तन का आनंद उठाते हैं। अगर आप जन्माष्टमी के दिन भक्ति और उल्लास का अनुभव करना चाहते हैं, तो इन मंदिरों की यात्रा आपके लिए खास होगी।

श्री गौड़ीय मठ, मीठापुर
पटना के मीठापुर स्थित श्री गौड़ीय मठ में जन्माष्टमी के दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। यहां की भव्य सजावट, मधुर भजन-कीर्तन और कीर्तन की गूंज श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक सुकून देती है। दिव्य झांकियां और रंगीन प्रकाश यहां आने वाले हर भक्त को भक्ति भाव में डूबा देते हैं।

इस्कॉन मंदिर, बुद्ध मार्ग
श्री श्री राधा बांके बिहारी जी मंदिर (ISKCON Patna) पटना का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहां नियमित रूप से कीर्तन, प्रवचन और धार्मिक कार्यक्रम होते हैं। जन्माष्टमी पर यहां दो दिनों का भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भक्त विशेष पूजा और कीर्तन का आनंद ले सकते हैं।

श्री राधा गोपाल मंदिर, चौधरी टोला घाट
साल 1830 में टिकारी के राजा हित नारायण द्वारा निर्मित यह मंदिर गंगा किनारे स्थित है, जहां की हरियाली और लहरें इसकी खूबसूरती बढ़ा देती हैं। स्थानीय मान्यता है कि रात के समय यहां बांसुरी और पायल की मधुर ध्वनि सुनाई देती है।

राधा कृष्ण द्वारिका मंदिर, बोरिंग कैनाल रोड
अपनी मनमोहक वास्तुकला और सजावट के लिए मशहूर इस मंदिर में राधा-कृष्ण की जीवंत मूर्तियां भक्तों को आध्यात्मिक आनंद का अनुभव कराती हैं। जन्माष्टमी पर यहां भव्य उत्सव, झांकियां और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है।

प्राचीन राधा कृष्ण ठाकुरबाड़ी मंदिर, बेलवरगंज
पटना सिटी के इस प्राचीन मंदिर की भव्यता और शांत वातावरण भक्तों को आकर्षित करता है। जन्माष्टमी के अवसर पर यहां रंग-बिरंगी सजावट, मधुर भजन और श्रद्धा का उत्साह मंदिर परिसर को ऊर्जा से भर देता है।

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