नवगछिया रेलवे स्टेशन पर पेड़ की कटाई से पक्षियों का नरसंहार

Rajan Singh

NEWSPR DESK- भागलपुर पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण के तमाम दावों के बीच नवगछिया रेलवे परिसर में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है प्लेटफॉर्म संख्या-1 पर स्थित पाखड़ का पेड़ रेलवे द्वारा काट दिया गया इस पेड़ पर वर्षों से लिटिल कॉर्मोरेंट और लिटिल एग्रेट प्रजाति के पक्षियों का विशाल कॉलोनीनुमा घोंसला था पेड़ गिराए जाने के बाद सैकड़ों नन्हे चूज़े नीचे जमीन पर गिर पड़े अधिकांश चूज़ों की मौके पर ही मौत हो गई.

जबकि कई घायल अवस्था में तड़पते रहे यह मंजर इतना भयावह था कि स्टेशन पर मौजूद लोग स्तब्ध रह गए सबसे शर्मनाक पहलू यह रहा कि घटना स्थल पर मौजूद रेलवे कर्मियों और वन विभाग की टीम ने न केवल लापरवाही दिखाई, बल्कि स्थानीय पर्यावरण प्रेमियों और पत्रकारों को धमकाने का भी प्रयास किया सूचना मिलते ही मामले को गंभीरता से लेते हुए भागलपुर के डीएफओ को जानकारी दी गई इसके बाद वन विभाग के रेंज ऑफिसर पहुंचे और सभी बचे हुए चूज़ों को रेस्क्यू कर सुंदरवन ले जाया गया.

पक्षियों का यह सामूहिक नरसंहार न केवल एक पर्यावरणीय त्रासदी है बल्कि यह रेलवे की असंवेदनशीलता और गैर-जिम्मेदारी को उजागर करता है जहां एक ओर सरकार पक्षियों और जैव विविधता की रक्षा के लिए करोड़ों खर्च करती है, वहीं दूसरी ओर रेलवे जैसी बड़ी संस्था की लापरवाही से पक्षियों का पूरा आवास खत्म कर दिया क्या रेलवे विभाग पर्यावरणीय नियमों से ऊपर है इस तरह की घटना रोकने के लिए कौन जिम्मेदार होगा स्थानीय लोगों का कहना है कि यह केवल पक्षियों के घोंसले का विनाश नहीं बल्कि प्रकृति की हत्या है यदि समय रहते वन विभाग हस्तक्षेप नहीं करता तो शायद एक भी चूज़ा जीवित नहीं बच पाता.

यह घटना हमें याद दिलाती है कि विकास कार्यों की आड़ में प्रकृति की अनदेखी कितनी भयावह कीमत वसूल सकती है। सैकड़ों मासूम चूज़ों की असमय मौत ने लोगों को झकझोर दिया है पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई अनिवार्य है.

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