पटना:
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनावी विज्ञापनों को लेकर अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि अब कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर विज्ञापन प्रकाशित करने से पहले पूर्व-प्रमाणन (Approval) हासिल करना अनिवार्य होगा।
एमसीएमसी से प्रमाणन अनिवार्य
चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार, प्रत्येक पंजीकृत राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय राजनीतिक दल और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमिटी (MCMS) के पास आवेदन जमा करना होगा। बिना एमसीएमसी से मंजूरी के कोई भी सोशल मीडिया, वेबसाइट या इंटरनेट-आधारित मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापन जारी नहीं किया जा सकता।
चुनाव आयोग ने जिला और राज्य स्तर पर एमसीएमसी का गठन किया है, जो राजनीतिक विज्ञापनों की समीक्षा करेगा और पेड न्यूज या संदिग्ध प्रचार सामग्री पर निगरानी रखेगा।
सोशल मीडिया और खर्च की जानकारी भी जरूरी
आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करते समय अपने सत्यापित सोशल मीडिया खातों की जानकारी साझा करनी होगी। इसके अलावा राजनीतिक दलों को अपने चुनाव प्रचार पर होने वाले खर्च की पूरी जानकारी आयोग के पास जमा करनी होगी।
चुनाव आयोग का यह कदम डिजिटल मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म पर चुनावी गतिविधियों पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है
आचार संहिता पहले से लागू
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ उपचुनावों की घोषणा 6 अक्टूबर 2025 को की गई थी। इसी के साथ इन क्षेत्रों में आचार संहिता लागू हो चुकी है। अब सभी राजनीतिक दल और उम्मीदवार आयोग के नए निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।