Patna Desk: तीन दशक से कारोबार जगत से जुड़े अमरेंद्रधारी सिंह (एडी सिंह) एक राजनेता हैं. राजद के राज्यसभा सदस्य. इन्हें प्रवर्तन निदेशालय यानी (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है.
आपको बता दें, अमरेंद्रधारी सिंह को दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी इलाके से गिरफ्तारी किया गया है. उनपर फर्टिलाइजर घोटाले का आरोप लगा है. अब गिरफ्तारी के बाद ईडी की टीम उनसे इस संबंध में पूछताछ करेगी. एडी सिंह की गिरफ्तारी से आरजेडी में हलचल बढ़ गई है.
बीते साल मार्च में ही आरजेडी ने उन्हें राज्यसभा भेजा था. उस वक्त आरजेडी में भी उनके नाम से बहुत ज्यादा लोग वाकिफ नहीं थे और खुद पार्टी के नेताओं ने ही उन्हें उच्च सदन भेजे जाने पर हैरानी जताई थी. इसके अलावा एक वजह एडी सिंह यानी अमरेंद्र धारी सिंह का भूमिहार होना था. माना जाता है कि लालू प्रसाद यादव पिछड़ों की राजनीति करते हैं. ऐसे में एडी सिंह को उच्च सदन में भेजे जाने पर राजनीतिक विश्लेषकों ने भी हैरानी जताई थी.
पार्टी सूत्रों का कहना था कि उन्हें लालू प्रसाद यादव का करीबी माना जाता है और उनके कहने पर ही उन्हें राज्यसभा भेजा गया है. उन्हें सांसद बनाने पर उठे सवालों का बचाव करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा था कि आरजेडी सिर्फ मुस्लिमों और यादवों की ही पार्टी नहीं है. हमने सभी जातियों और धर्मों से आने वाले लोगों को प्रतिनिधित्व दिया है. पटना के रहने वाले एडी सिंह बिहार के बड़े कारोबारियों में से एक हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट एडी सिंह का फर्टिलाइजर और केमिकल्स का कारोबार है. इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर में भी वह बड़ा दखल रखते हैं. उनका पूरा कारोबार दिल्ली से ही संचालित होता है.
राज्यसभा चुनाव के लिए अमरेंद्र धारी सिंह का नाम सभी के लिए चौंकाने वाला था. इस नाम को आरजेडी के कई नेता भी नहीं जानते थे. जगदानंद सिंह ने पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमरेंद्रधारी सिंह के बारे में बताया था कि वो समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, साथ ही आरजेडी से जुड़े हुए हैं.