NEWSPR डेस्क। एक तरफ जहां झारखंड राज्य जहां विकास की ऊंचाई को छू रहा है, वहीं राज्य के कुछ इलाके ऐसे भी है जहां रोजमर्रा के लिए भी लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है। पश्चिमी चंपारण में आज भी कई इलाके ऐसे हैं जहां मरीजों को गोद में तो कभी चारपाई पर लादकर अस्पताल तक पहुंचाया जाता है। यूं तो झारखंड में गरीब आदिवासियों के लिये कई योजनाएं चलाई जाती है, ताकि वो सुविधा और सुकुन के साथ रह सकें। लेकिन पश्चिमी सिंहभूम जिला से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने सरकार के इस दावे की पोल खोलकर रख दी है।
दरअसल झारखंड के एक टीवी पत्रकार सोहन सिंह ने एक तस्वीर ट्वीट किया है। उनका दावा है कि ये तस्वीर पश्चिमी सिंहभूम जिले की है। इस तस्वीर में दो महिलाएं एक गर्भवती महिला को गोद में उठाई हुई है। और उनके पीछे कई व्यक्ति भी हैं। दावा किया जा रहा है कि रोड के अभाव में ये लोग गर्भवती महिला को अस्पताल में पहुंचाने के लिये गोद में लेकर एक किलोमिटर तक पैदल चले, फिर वहां से निजी वाहन के जरीये महिला को अस्पताल पहुंचाया गया। यहां के ग्रामीण आदिम जमाने मे ही अपनी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। लेकिन जिन गरीब आदिवासियों के विकास के नाम पर योजनाएं बनती हैं, ये तस्वीर उनकी पोल खोल रही है।