NEWSPR डेस्क। पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। शासन प्रशासन के लोग लाखों करोड़ों खर्च कर रहे हैं लेकिन मोतिहारी के सगौली की ऐतिहासिक धरती अमृत महोत्सव के लिए नहीं बल्कि अपनी गंदगी और अव्यवस्था के लिए चर्चा में बनी हुई है। अधिकारियों और पदाधिकारियों को इतनी फुर्सत नहीं है कि वे सुगौली में स्थित गांधी स्मारक के आसपास सफाई की व्यवस्था को दुरुस्त कर सकें।
हर रोज उसके आसपास का पूरा क्षेत्र मूत्रालय में तब्दील होता रहता है। सुगौली बाजार का मुख्य पथ पूरे इलाके में बदबू के लिए चर्चा में रह हुआ है। विभिन्न प्रखंडों से आने वाले लोग नाक बंद करके इस चित्र को पार करते हैं। गाँधी को राष्ट्रपिता की उपाधि मिली है लेकिन इनके मूर्ति के आस पास मूत्रालय शर्म की बात है। इस जगह पर लोग आते हैं और मूत्र विसर्जन कर के चले जाते हैं।
चारो तरफ सिर्फ बदबू और कचरा का अंबार लगा पड़ा है। न कोई अधिकारी इसकी सुध लेने आ रहे हैं और ना ही कोई जनप्रतिनिधि। चम्पारण जो गांधी के नाम से जाना जाता है। उसी चंपारण का एक हिस्सा सुगौली जहां गांधी जी की मूर्ति को स्थापित करने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री विंदेश्वरी दुबे 1987 में आए थे और आज वही गाँधी आश्रम के पास का एरिया मूत्रालय में तब्दील हो चुका है।
मोतिहारी से धर्मेंद्र की रिपोर्ट