सन्नी झा
पटनाः पूरे देश में कोरोना इन दिनों कोरोना का कहर जारी है। लाखों लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं और इन सबके के बाबजूद में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल हुंकार भर रहे है। अब बड़ी समस्या ये है कि कोरोना के कहर के बीच चुनाव कैसे होगा, हालांकि चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि चुनाव सही समय पर ही होगा। लेकिन आयोग के लिए समस्या ये है कि बिहार के तमाम राजनीतिक दलों का मत चुनाव को लेकर भिन्न- भिन्न आ रहे हैं । अब चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती ये है कि एक ओर कोरोना का कहर और दूसरी और तमाम पार्टीयो के भिन्न -भिन्न मत के बीच चुनाव कैसे कराया जाये।
एनडीए और जदयू में मतभेद
एक ओर एनडीए में जदयू और भाजपा चुनाव सही समय पर कराने के पक्ष में है तो सहयोगी लोजपा चुनाव की तारीख को आगे बढाने के पक्ष में है। वहीं महागठबंधन में राजद चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं है ,अगर चुनाव आयोग चुनाव सही समय पर कराता है तो चुनाव पारंपरिक तरीक़े से होगा तभी राजद चुनाव लड़ेगा। वहीं कांग्रेस भी इस महामारी के समय में चुनाव लड़ने के हालत में नहीं है। महागठबंधन के बाकी दलो ने भी अपनी राय अलग अलग रखी है। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं । इन सब के अलावे महागठबंधन के बाकी दल विकासशील इंसान पार्टी और रालोसपा भी चुनाव सुरक्षा से कराने के पक्ष में है, वहीं वामदल चुनाव को रद्द करने के पक्ष में है। तो अब चुनाव आयोग कैसे तमाम चुनौती को ध्यान में रख कर चुनाव करायेगा ये देखना दिलचस्प होगा ।