शशिकांत
बोकारो जनरल अस्पताल में इलाज के अभाव में तड़प कर मर गया बीएसएफ का जवान उदय शंकर शर्मा। इस जवान की बदकिस्मती यह रही की उसके जिंदा रहते कोरोना जांच का रिपोर्ट नहीं आयापरिजन अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि घरवालों का रो रो कर बुरा हाल है
इस घटना ने एक बार फिर से मानवता को शर्मसार कर दिया है। बोकारो के सेक्टर 9 का रहने वाला बीएसएफ जवान बीएसएफ के आठवीं बटालियन में बंगाल में सीटी (जीडी )के पोस्ट पर तैनात था। जवान की तबीयत अपने कैंप में ही खराब हो गई। उसके बाद इसकी सूचना परिजनों को दी गई। जवान को उसके परिजनों ने लाकर 22 जुलाई को बोकारो जनरल अस्पताल में भर्ती कराया।
बिना कोरोना रिपोर्ट नहीं करेंगे इलाज
चिकित्सकों ने यह कहते हुए उसका इलाज करने से इंकार कर दिया कि जब तक कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं आ जाता है। तब तक हम इसका इलाज नहीं करेंगे। 23 जुलाई को इसके कोरोना जांच लिए सैंपल भी लिया गया लेकिन बदकिस्मती यह रही कि वह इलाज के अभाव में तड़प तड़प कर मर गया।
परिजनों का आरोप है जवान का इलाज अस्पताल के द्वारा किया ही नहीं गया। जवान के बहनोई महेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि मृतक जवान का ब्लड प्रेशर और शुगर काफी हाई हो चुका था। बावजूद इसके चिकित्सकों ने इस पर संज्ञान नहीं लिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने बाहर से कल किट ले जा कर शुगर जाँच किया था जो काफी अधिक था ।उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की लापरवाही के कारण ही उसकी मौत हुई है। वहीं मृतक की पुत्री स्नेहा कुमारी ने बोकारो जनरल अस्पताल पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे पापा को कोरोना का संक्रमण नही था। लेकिन बावजूद उसके हम लोगों ने जांच कराई, लेकिन जांच रिपोर्ट आने में इतनी देर हो गई कि वह बिना इलाज के ही मर गए।
सवाल यह उठता है कि आखिर देश की सेवा में जान देने वाले एक जवान को जब इलाज के अभाव में अपनी जान देनी पड़ी तो इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल में अन्य मरीजों के साथ किस तरह का बर्ताव हो रहा होगा ।सवाल सिस्टम और करो ना जांच में रिपोर्ट आने में देरी पर भी जरूर उठ रहा है।