देश में एक और बड़े शहर घोटाले की आशंका, करोड़ों की राशि पर खतरा।

Patna Desk

 

भागलपुर ,अपने देश भारत में 2001 तक फिजिकल शेयर का चलन था। उसके बाद शेयर ट्रेडिंग का कारोबार ऑनलाइन होने लगा। उसी कड़ी में जो 1970, 1980 और 1990 के दशक का फिजिकल शेयर है, उसका ऑनलाइन मनी कन्वर्जन नहीं हो पा रहा है। अलग बात है कि सेबी ने 30 सितंबर 2023 तक का वक्त केवाईसी के लिए दिया है।

लेकिन 8 से 9 हजार कंपनियों के शेयर में शेयरधारकों को काफी परेशानी हो रही है। शेयर मार्केट के जानकार बताते हैं कि 8 से 9 हजार कंपनियों के शेयर की कीमत तकरीबन 3 लाख करोड़ की राशि है। अगर शेयर धारकों को कन्वर्जन ऑफ मनी का फायदा नहीं मिलता है तो बड़ा शेयर घोटाला हो सकता है। आपको याद होगा कि 1990 के दशक में हर्षद मेहता शेयर घोटाला काफी चर्चा में रह था। उसी तरह 2001 में केतन पारिख का शेयर घोटाला सामने आया था। मौजूदा दौर में नेशनल हेराल्ड का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। भागलपुर में शेयर ट्रेडर उत्तम झुनझुनवाला और शम्भू झुनझुनवाला बताते हैं कि मौजूदा सरकार ने सेबी के माध्यम से 30 सितंबर एक मुकर्रर तारीख जरूर दिया है शेयर धारकों को कन्वर्जन ऑफ मनी के लिए। लेकिन जो प्रोसेस है वह बहुत ही ज्यादा जटिल है। साथ ही शेयर बाजार में फिजिकल शेयर बेचने वाली कंपनी शिकायतकर्ता को ऑनलाइन जवाब भी नहीं दे रही है। सिर्फ भागलपुर से शेयर धारकों का तकरीबन 22 करोड़ की राशि बेनामी होने का खतरा मंडरा रहा है। अगर देशव्यापी स्तर पर देखें तो उक्त रकम 3 से 4 लाख करोड़ रुपए की हो सकती है।

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