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परिवार ने प्रेग्नेंट महिला का कराया लिंग जांच, बेटी पाये जाने पर निजी क्लिनिक में अवैध तरीके से अबॉर्शन, तबीयत बिगड़ने के बाद मौत

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NEWSPR डेस्क। लिंग जांच कानूनन अपराध है। बावजूद बगहा में एक परिवार को लिंग जांच का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है। दरअसल गर्भ में पल रही बेटी की वजह से परिजनों ने एक निजी क्लिनिक में महिला का अबॉर्शन करवाया। जिसके बाद महिला की तबियत बिगड़ी और फिर उसकी मृत्यु हो गई।

बगहा में पेट में पल रही बेटी का गर्भपात करवाना एक परिवार को उस समय महंगा पड़ गया जब महिला की जान से इसकी कीमत चुकानी पड़ी। घटना रविवार के रात्रि की है। जहाँ बगहा नगर के मलाही टोला निवासी सुर सहनी की पुत्री रागनी उर्फ सीमा की मौत अबॉर्शन करवाने के बाद हो गई। जिसके बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बताया जाता है कि लिंग जांच के बाद परिजनों को ज्ञात हुआ कि गर्भ में बेटी पल रही है जिसके बाद उन्होंने एक निजी क्लिनिक में गर्भपात करवाया।

दरअसल महिला की शादी फतेहपर थाना क्षेत्र के हरपुरवा गांव निवासी दीपक चौधरी से पांच साल पूर्व हई थी। शादी के बाद एक चार साल और एक दो साल की बेटी है। इधर रागिनी तीसरी बार पेट से थी । इसी बीच उसका पति दीपक कमाने के लिए बाहर चला गया। पत्नी को उसके पिता के घर छोड़ दिया। दीपक ने अपने ससुराल के एक झोलाछाप डॉक्टर चंद्रशेखर उर्फ पप्पू को फोन कर पत्नी के पेट में पल रहे बच्चे का भूर्ण जांच कराने के लिए बोला। पप्पू ने मृतिका का अल्ट्रासाउंड बगहा 2 के किसी अल्ट्रासाउंड संस्थान में कराया। जहां गर्भ में लड़की होने की जानकारी मिली।

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इसके बाद पप्पू, रागिनी और उसके पति दीपक के सहमति से रागिनी का गर्भपात कराने के लिए किसी ममता के पास लेकर गया। हालांकि पप्पू पूरी बात स्वीकार कर रहा है । लेकिन किस जगह पर अल्ट्रासाउंड कराया और किस ममता से गर्भपात कराया यह नहीं बता रहा है। चंद्रशेखर उर्फ पप्पू की मिलीभगत से महिला का एबॉर्शन तो हो गया लेकिन उसके बाद उसकी स्थिति बिगड़ गई तब उसे अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया जहाँ चिकित्सक ने महिला को मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद गर्भपात के कारण पत्नी की मरने की सूचना जैसे ही पति को मिली वैसे ही पति ने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। इसके साथ ही लड़की के मायके वाले शव को लेकर गायब हो गए। इस खेल में ससुराल से लेकर मायके वाले सभी शामिल हैं और सबके रजामंदी से गर्भपात कराए जाने की बात सामने आई है।

अब सवाल यह उठता है कि लिंग जांच जब कानूनन जुर्म है ऐसे हालात में नगर में अल्ट्रासाउंड जांच धडल्ले से जारी है। इसका जीता जागता प्रमाण मिलने के बाद भी प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन ने शव को क्यों जाने दिया। पुलिस को क्यों नहीं सूचना दिया गया। ये सब एक बड़ा सवाल है और इस पर ना तो अस्पताल प्रबंधन बोल रहा और ना ही प्रशासन को इस बात की भनक है।

बगहा से नुरलैन अंसारी की रिपोर्ट

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